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चूरू: नसबंदी के बाद महिला की मौत के मामले में राजेन्द्र राठौड़ बैठे धरने पर

चूरू में नसबंदी के बाद महिला की मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. मामले में बड़ी संख्या में नायक समाज के लोगों सहित उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ मोर्चरी के आगे धरने पर बैठ गए हैं और शव लेने से इनकार कर दिया. मौके पर पहुंचे राठौड़ ने सीएमएचओ डॉक्टर भंवरलाल सर्वा को जमकर फटकार लगाई और कहा तुम जैसे लोगों ने डिपार्टमेंट का सत्यानाश कर दिया है.

नशबंदी के दौरान महिला की मौत, राजेंद्र राठौड़ बैठे धरने पर, woman died after sterilization in Churu
धरने पर बैठे राजेन्द्र राठौड़

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Published : Jul 1, 2020, 5:02 PM IST

चूरू.नियमों कायदों को ताक पर रख नसबंदी शिविर में महिला की नसबंदी के बाद मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. महिला के शव का अभी तक पोस्टमार्टम नहीं हुआ है. 20 घंटे से मोर्चरी में शव बिना डी फ्रिज के पड़ा है. मामले में परिजन और नायक समाज के लोग लापरवाहों के खिलाफ कारवाई, मामले की न्यायिक जांच और परिजनों को मुवावजे की मांग पर अड़े हैं. मोर्चरी के बाहर नायक समाज के लोगों और परिजनों के साथ मौके पर पहुंचे विधानसभा उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ भी धरने पर बैठ गए हैं. वहीं मामले की गम्भीरता को देखते हुए मौके पर चूरू उपखंड अधिकारी अवि गर्ग, सरदारशहर सीओ सहित कोतवाली पुलिस मौके पर मौजूद हैं.

धरने पर बैठे राजेन्द्र राठौड़

बता दें कि, राजेन्द्र राठौड़ ने सीएमएचओ डॉक्टर भंवरलाल सर्वा को जमकर फटकार लगाई. राठौड़ ने सीएमएचओ से कहा कि, आपने राष्ट्रीय कार्यक्रम का बंटाधार कर दिया. नियमों को ताक पर रख आपने सरदारशर अस्पताल में नसबंदी शिविर लगाने की परमिशन दे दी. राठौड़ ने कहा कि चूरू का सीएमएचओ ऑफिस एनजीओ से साठ गांठ करके पैसे हड़पने के अलावा कुछ काम नहीं कर रहा. उन्होंने कहा कि, जब राज्य और केंद्र सरकार कह रही है सोशल डिस्टेंसिग रखी जाए तो फिर नियमों को ताक पर रख सरदारशर अस्पताल में नसबंदी के लिए 200 महिलाओं को क्यों बुलाया गया. जिस एनजीओ को यह ठेका दिया गया है उसके पास न ही तो ट्रेंड डॉक्टर है और न ही टीम. महिला में रक्त की कमी को देखते हुए उसका ऑपरेशन क्यों किया गया. राठौड़ ने कहा कि, इसका सीएमएचओ पर आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए और तीन मासूम बच्चों को छोड़ कर जानी वाली महिला के परिजनों को मुआवजा मिलना चाहिए.

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बता दें कि, मामले में अभी तक सिर्फ चिकित्सा विभाग ने सम्बंधित एनजीओ का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर इतिश्री की है. लापरवाह लोगों के खिलाफ अभी तक कारवाई नहीं की गई है. बहरहाल चूरू के राजकीय भर्तिया अस्पताल की मोर्चरी के बाहर वार्ता और समझाइश का दौर जारी है.

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