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चुरू: राजेंद्र राठौड़ ने किया भाजपा कार्यालय का उद्घाटन, कस्वां से विवाद पर दिया ये जवाब

चूरू संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी राहुल कस्वां के चुनावी कार्यालय का उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने उद्घाटन किया. इस अवसर पर राठौड़ ने कहा कि चाचा-भतीजे में अब कोई मतभेद नहीं है.

राजेंद्र राठौड़ ने किया भाजपा कार्यालय का उद्घाटन

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Published : Apr 29, 2019, 9:29 AM IST

चूरू. संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी राहुल कस्वां के चुनावी कार्यालय का रविवार शाम उद्घाटन हो गया. राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कार्यालय का उद्घाटन किया. टीबड़े वालों की धर्मशाला में भाजपा प्रत्याशी राहुल कस्वां का चुनावी कार्यालय बनाया गया है. चूरू संसदीय क्षेत्र का चुनाव पांचवे चरण के मतदान में होगा. 6 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही दिन शेष हैं. ऐसे में प्रत्याशी अपनी पूरी ताकत के साथ आम मतदाताओं को रिझाने में लगे हैं. चूरू संसदीय सीट से भाजपा के प्रत्याशी राहुल कस्वां का भी चुनावी प्रचार प्रसार की व्यस्तता के बीच चुनावी कार्यालय का उद्घाटन हुआ.

राजेंद्र राठौड़ ने किया भाजपा कार्यालय का उद्घाटन

चाचा-भतीजे विवाद पर बोले कस्वां
उद्घाटन के बाद भाजपा प्रत्याशी कस्वां ने कार्यालय परिसर में बने हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना की और दिप प्रज्वलित कर अपनी जीत की मंगल कामना की. इस मौके पर राठौड़ और कस्वां दोनों से ही मीडियाकर्मियों ने एक ही सवाल किया की क्या चाचा-भतीजे के बीच सब कुछ सही चल रहा है. इस पर बोलते हुए भाजपा प्रत्याशी राहुल कस्वां ने कहा जिस दिन टिकट मिल गयी थी उसी दिन हमारे मतभेद दूर हो गए थे. अब हमारा एक ही लक्ष्य है कि दोबारा देश का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने. राठौड़ ने आगे कहा कि सभी को मालूम है कि मैं जो काम करता हूं मन से करता हूं और दावे के साथ कह सकता हूं कि हम लम्बे समय के बाद एक साथ निकले हैं, इसका बहुत अच्छा प्रभाव ग्रामीण जन में था.

टिकट के लिए कस्वां को करना पड़ा था संघर्ष

गौरतलब है कि चूरू जिला भाजपा की गुटबाजी किसी से छिपी नही है. वर्तमान भाजपा सांसद कस्वां को इस बार का टिकट किस तरह मिला यह वह खुद भी भली-भांति जानते हैं. कस्वां की टिकट फाइनल होने से पहले कस्वां को राठौड़ समर्थकों को रिझाना पड़ा था. खुद राठौड़ ने आलाकमान को कस्वां की जगह कई नाम सुझाए थे, लेकिन आपसी खींचतान के बीच टिकट लेकर आए कस्वां और राठौड़ दोनों की एक ही मजबूरी थी आलाकमान और शिर्ष नेतृत्व को टिकट मिलने के बाद एकजुटता दिखाना. इसी के चलते अब खुद उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ प्रत्याशी राहुल कस्वां के प्रचार में ताकत झोंके हुए हैं.

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