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चूरूः जिला अस्पताल की असंवेदनशीलता, मंदबुद्धि युवक का नहीं किया इलाज

चूरू के राजकीय भर्तिया अस्पताल ने एक मंदबुद्धि युवक का इलाज करने से मना कर दिया. पुलिस एक मंदबुद्धि युवक का इलाज कराने गई थी लेकिन अस्पताल ने असंवेदनशीलता का परिचय देते हुए युवक का इलाज ही नहीं किया.

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अस्पताल ने नहीं किया मंदबुद्धि युवक का इलाज

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Published : Aug 9, 2020, 7:19 AM IST

चूरू. जिले के सबसे बड़े राजकीय भर्तिया अस्पताल से शनिवार को एक असंवेदनशीलता का मामला सामने आया है, जहां एक मंदबुद्धि युवक का उपचार करवाने आई रतनगढ़ पुलिस को दो घंटे अस्पताल का चक्कर काटना पड़ा, उसके बाद भी बिना उपचार करवाए ही पुलिस को युवक को अपने साथ लेकर लौटना पड़ा.

अस्पताल ने नहीं किया मंदबुद्धि युवक का इलाज

राजकीय भर्तिया अस्पताल ने मानवता और संवेदनशीलता को कुछ इस कदर ताक पर रखा कि उसने एक बीमार और मंदबुद्धि युवक की पीड़ा भी नहीं समझी और उसे अस्पताल में भर्ती करने तक कि जहमत नहीं उठाई. जिसके बाद सवाल उठने लगे कि क्या आधुनिकता और बदलते दौर में हमारा समाज और हम इतने निर्दयी हो गए हैं कि हम किसी का दर्द को भी नहीं बांट सकते.

बता दें कि रतनगढ़ पुलिस शनिवार को एक मंदबुद्धि युवक को लेकर जिला अस्पताल उपचार करवाने लेकर गई. युवक को लिवर संबंधी समस्या बताई जा रही है. वहीं हेडकांस्टेबल शिव राणा ने बताया कि उक्त मंदबुद्धि युवक रतनगढ़ सरदारशहर हाइवे के एक होटल संचालक को करीब दो महीने पहले होटल के पास मिला था. मानवता के नाते होटल संचालक ने इस मंदबुद्धि युवक के खाने पीने, यहां तक कि इसे बीकानेर अस्पताल तक उपचार करवाया. जिसके बाद होटल संचालक ने रतनगढ़ उपखंड अधिकारी के समक्ष एक प्राथना पत्र दाखिल किया था. जिसमें होटल संचालक ने मंदबुद्धि युवक को उसके परिजनों तक पहुंचाने की बात कही.

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जिसके बाद रतनगढ़ उपखंड अधिकारी ने SHO को मंदबुद्धि की पहचान कर उसे परिजनों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी थी. पुलिस ने मंदबुद्धि युवक की तबियत बिगड़ने पर उसे रतनगढ़ चिकित्सालय दिखाया, जहां चिकित्सकों ने उसका एक्सरे करवाने की बात कही.

अस्पताल की एक्सरे मशीन खराब होने पर उसे रतनगढ़ पुलिस युवक को लेकर चूरू जिला अस्पताल ले गई, जहां दो घंटों तक अस्पताल अधीक्षक और अस्पताल के चिकित्सकों के चक्कर काटने के बावजूद मंदबुद्धि युवक को ना तो उपचार मिला और ना ही उसका एक्सरे हुआ. यहां तक कि मंदबुद्धि युवक की हालत को देखते हुए उसे अस्पताल में भर्ती तक नहीं किया गया.

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