चूरू. भाजपा ने मौजूदा सांसद राहुल कस्वा पर फिर से विश्वास जताते हुए चुनावी समर में उतार दिया है. ऐसे में कस्वा और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की बीच चल रही तल्खियों पर विराम लग गया है. इस पर कस्वा ने कहा कि जब लक्ष्य बड़ा होता है तो छोटे-मोटे चीजों को भुलाना पड़ता है.
संसदीय सीट चूरू से भाजपा सांसद राहुल कस्वा और राजेंद्र राठौड़ दोनों नेताओं के बीच सुलह की खबर आने लगी है. बता दें, राठौड़ और कस्वा परिवार के बीच पिछले कुछ समय से राजनीतिक खींचतान चल रही थी. हालांकि, सांसद राहुल कस्वा को पार्टी आलाकमान ने रिपीट भी कर दिया है और चूरू लोकसभा क्षेत्र से भाजपा का फिर से उम्मीदवार बनाया है. लेकिन, जब तक कस्वा की टिकट पर मुहर नहीं लगी थी तब तक खूब कयास लगाए गए की इस बार अन्य किसी चेहरे को मौका मिल सकता है.
राठौड़ के साथ अदावत पर बोले सांसद राहुल हालांकि, राठौड़ ने तो खुलकर कस्वा की जगह अन्य नामों को पार्टी आलाकमान को चूरू के लिए आगे भी रखे थे. खबर ये भी आई थी की राठौड़ और कस्वा परिवार के बीच बातचीत से सुलह हो गयी लेकिन, जब राहुल कस्वा से मीडिया कर्मियों द्वारा यह सवाल किया गया की राजेन्द्र राठौड़ और आपके बीच मतभेद चल रहा है. जिस पर राहुल कस्वा ने कहा कि चूरू लोकसभा क्षेत्र के लोगों को, युवाओं को विकास चाहिए.
कस्वा ने कहा कि जो चूरू से कोयंबटूर ट्रेन में जाने वाला व्यक्ति है, उसे यह मतलब नहीं है की, किसके बीच क्या मतभेद चल रहा है, जो व्यक्ति शाम को स्टेडियम में खेल का प्रैक्टिस करता है उसे अपनी सुविधाओं से मतलब होता है. हमारे बीच मनमुटाव है हमें उसे भुला के फिर से नरेंद्र मोदी को पीएम बनाना है और जब बड़ा मकसद होता है तो छोटी मोटी बातो को भुलाना पड़ता है.
बता दें, सांसद राहुल कस्वा को राजनीति विरासत में मिली है. उनके पिता रामसिंह कस्वा चूरू से एक या दो नहीं बल्कि चार बार सांसद रह चुके हैं. उनकी माता कमला कस्वा भी सादुलपुर से विधायक रह चुकी हैं. जिला प्रमुख रह चुकी हैं. कस्वा और राठौड़ को एक समय राम-लक्ष्मण की जोड़ी कहा जाता था लेकिन, राम-लक्ष्मण की जोड़ी को नजर लगी, जिसके बाद दोनों ही नेताओं में शह और मात का खेल चलने लगा.