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राजस्थान के शहरों में लगी लोक अदालतें, समझाइश कर किया गया कई मामलों का निस्तारण

राजस्थान के कई जिलों में लोक अदालत का अयोजन किया गया. जिसमें लोगों की सुनवाई के लिए कई बैच का भी आयोजन किया गया. वहीं जिले के न्यायालयों में लगाई गई लोक अदालतों में आपसी समझाइश कर मामला निपटाने का प्रयास किया जाता है. कुछ जिलों में यह अदालते लोगों की परेशानियों को हल करने सफल हो रही हैं,तो वहीं कुछ अदालतों में सन्नाटा पसरा है.

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Published : Mar 10, 2019, 11:15 AM IST

शहरों में लगी लोक अदालतें

बाड़मेर में शनिवार की रोज न्यायालय में अनूठा नजारा देखने को मिला, जब बिना डायस और बिना कटघरे के 25 मामलों का निर्णय सुनाया गया. बाड़मेर में न्यायालय ने लोकगीत भावना रख राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें आपसी राजीनामे से 25 प्रकरणों का निस्तारण तुरंत किया गया.इनमें अधिकतम प्रकरण 5 वर्ष पुराने थे इन 25 प्रकरणों में 3059676 रुपए की राशि का निस्तारण कर राहत प्रदान की गई .
चूरू के मुख्यालय एडीआर सेंटर में पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हुआ. जिसका शुभारंभ एडीजे राजेश दड़ियाऔर न्याय अधिकारियों ने किया. लोक अदालत में पारिवारिक विवाद, दीवानी प्रकरण श्रम, औद्योगिक विवाद, पेंशन मामले, बैंक वसूली और राजस्व के मामले में रखे गए.


बांसवाड़ा राष्ट्रीय विधिक न्यायाधिकरण के निर्देशानुसार शनिवार को आयोजित लोक अदालतों में 12:00 बजे तक कुछ लोग ही पहुंच पाए शनिवार को शादी विवाह के माहौल के कारण परिष्कार उनमें उलझ रहे हो न्यायालय नहीं पहुंच पाए. इस कारण बैंचो में दिन भर सन्नाटा ही नजर आया. सचिव देवेंद्र सिंह भाटी ने बताया कि हमारे पास लगभग 3,000 केस लंबी थे जिनमें से 411 केस पेंडिंग और 104 प्री लिटिगेशन के थे. इस प्रकार कुल 515 केसों का निस्तारण किया गया. पारिवारिक मामलों के पीठासीन अधिकारी धीरेंद्र सिंह राजावत ने बताया कि 3000 में से करीब 500 केस डिस्पोजल किए जाने का लक्ष्य था जो शाम तक पूरा हो गया.


झुंझुनू में नालसा और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर जिले के सभी न्यायालयों में लगाई गई लोक अदालतों में दिनभर आपसी समझाइश से मामले निपटाने के प्रयास होते रहे.जिसमें 3778 कुल मामले सुनवाई के लिए रखे गए और वहीं 1795 मामले प्री लिटिगेशन के व 1983 मामले विभिन्न न्यायालय में लंबित थे. सेशन न्यायाधीश अतुल कुमार सक्सेना ने बताया कि गत बार 305 मामले प्री लिटिगेशन व 979 लंबित मामलों का आपसी राजीनामे से निर्णय हुआ था. वहीं इस बार भी लगभग 1000 मामलों का आपसी रजामंदी से फैसला हुआ .


जोधपुर के राजस्थान उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, जोधपुर के निर्देशानुसार वर्ष 2019 की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन हुआ. हाईकोर्ट में कुल 05 बैंचों का गठन किया गया था, जिसमें लंबित प्रकरणों में पक्षकारान के मध्य समझाइश करवाकर विभिन्न प्रकृति के कुल 305 प्रकरणों को निस्तारित कर 6,75,57,200 रूपये की राशि के अवार्ड पारित किये गये. डीजे नरसिंह दास व्यास के निर्देशन में कुल 21 बैंचों का गठन किया गया, जिनमें कुल 20167 प्रकरण रखे गए. जोधपुर महानगर जिला न्यायक्षेत्र में स्थित सभी न्यायालयों और स्थाई लोक अदालत में कुल 1462 प्रकरणों का समझौते से लोक अदालत के माध्यम से निस्तारण कर 12,61,68,331 रूपये अवार्ड राशि पारित की गई. इसके अतिरिक्त मुकदमा पूर्व स्तर के कुल 2813 प्रकरण निस्तारित किए गए. इन मुकदमों से पूर्व स्तर के प्रकरणों में कुल 16,92,886 रूपये का अधिनिर्णय पारित किया गया.

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