चूरू.कोरोना वायरस के फैल रहे संक्रमण की चैन तोड़ने और ब्रेक लगाने के मकसद से प्रदेश में 22 मार्च से लॉकडाउन है. चूरू में एक अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद 11 दिन से कर्फ्यू है. लॉकडाउन का असर हर तरफ है, हर समय समर्थकों से घिरे रहने वाले और जनसुनवाई में व्यस्त रहने वाले जनप्रतिनिधियों का जनता दरबार भी सूने हैं.
लॉकडाउन के चलते जिले के सांसद, विधायकों और प्रमुख दलों के राजनेताओं के बंगले इन दिनों सूने हैं. उपनेता प्रतिपक्ष और चूरू से विधायक राजेंद्र राठौड़ ने तो अपने चूरू स्थित आवास पर सूचना बोर्ड तक चस्पा करवा दिया है कि कोरोना महामारी के चलते मैं व्यक्तिगत जनसुनवाई नहीं कर सकूंगा, किसी भी समस्या के लिए फोन पर ही संपर्क करें.
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प्रमुख दलों के दफ्तर भी सूने
लॉकडाउन के चलते ना केवल जनप्रतिनिधियों के जनता दरबार बंद है, जबकि भाजपा और कांग्रेस सहित कई प्रमुख दलों के दफ्तर भी अब सूने है. पिछले 20 दिनों में इन पार्टी कार्यालयों में कोई जिला स्तरीय व बड़ी बैठक नहीं हुई है. चूरू जिला मुख्यालय पर तारानगर विधायक नरेंद्र बुडानिया, जिला प्रमुख हरलाल सहारण और कांग्रेसी नेता रफीक मंडेलिया के आवास से भी रौनक गायब हैं.