सादुलपुर (चूरू). भारतीय सनातन संस्कृति में अर्धांगिनी कही जाने वाली पत्नी पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत ही नहीं रखती, बल्कि जरूरत आने पर परिवार की खुशी व पति का जीवन बचाने के लिए खुद के जीवन को भी दांव पर लगाने की हिम्मत रखती है. ठीक कुछ ऐसा ही उदाहरण पेश किया है सादुलपुर के वार्ड 13 निवासी चंदा गोयल ने. उसने मुश्किल हालातों में अपने पति पवन गोयल का साथ दिया और अपनी एक किडनी देकर उसकी जान भी बचा ली.
पत्नी ने किडनी देकर बचा ली पति की जान चंदा ने बताया कि वार्ड 13 निवासी पवन गोयल के साथ 1991 में उसकी शादी हुई. वे दोनों मैट्रिक पास हैं. पति का खुद का व्यापार है. 5 मई 2017 को पति के पेट में तकलीफ होने पर हिसार में चैकअप कराया तो डॉक्टर ने किडनी खराब होने की जानकारी दी. यह सुनकर उसे, बच्चों और उसके सास-ससुर को गहरा सदमा लगा. धीरे-धीरे पति की तकलीफ बढ़ने लगी तो दिल्ली में जांच करवाई. वहां पर किडनी ट्रांसप्लांट करने की सलाह दी गई.
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उसकी सास उर्मिला देवी ने अपनी किडनी देने को कहा लेकिन डॉक्टरों ने उनकी उम्र ज्यादा होने के कारण किडनी लेने से इनकार कर दिया. इसके बाद उसने किडनी देकर पति का जीवन बचाया. डॉक्टरों ने उसके साथ तीन बार मीटिंग की और शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव बताए. उसके भाइयों से भी डॉक्टरों ने इस संबंध में चर्चा की, लेकिन वह उसके निर्णय पर अडिग रही. इसके बाद 2 नवंबर 2017 को पवन की किडनी ट्रांसप्लांट की गई. ऑपरेशन सफल रहा. आज पूरा परिवार खुश है.
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चंदा देवी बताती हैं कि हमारे दो बेटियां व एक बेटा है. मुझे पति के हर सुख-दुख में साथ निभाने के वादे को पूरा करने का सौभाग्य मिला. पति ही मेरे लिए सब कुछ हैं. उनके जीवन पर संकट आया तो भला मैं कैसे पीछे रहती.
पवन गोयल कहना कि आज करवा चौथ का व्रत है. पत्नी व्रत रखकर पति की लंबी उम्र की कामना करती है लेकिन मेरी पत्नी ने मुझे किडनी देकर पहले ही मेरी उम्र को लंबी कर दिया है आज मैं बहुत खुश हूं.