बीकानेर. बीकानेर संभाग की चूरू लोकसभा सीट पर बात जातीय समीकरणों की करें तो 1977 के पहले चुनाव से अब तक केवल एक चुनाव छोड़कर हर बार जाट कैंडिडेट ही चुनाव जीतते आए है. भले ही राजनैतिक दल बदले, लेकिन जीत जाट के ही हाथ लगी है. पिछले चार लोकसभा चुनाव में यहां लगातार भाजपा का कब्जा है. लेकिन विधानसभा चुनाव में इस सीट से आने वाली 8 में से 5 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस का कब्जा है. यह सीट बीजेपी के लिए भी महत्वपूर्ण हैं और हर हालत में जितना चाहती है.
यही वजह है कि भाजपा में अभी भी प्रत्याशी चयन को लेकर मंथन चल रहा है. वहीं कांग्रेस से एक मुस्लिम और एक राजपूत प्रत्याशी की ओर से दावेदारी जताने से संकट हो गया है कि वो हर बार की तरह जाट को ही टिकट दें या गैर जाट पर दांव खेलें. केवल 1984 में यहां से कांग्रेस के मोहरसिंह राठौड़ ने जीत हासिल की थी. इसके बाद 1991 में कांग्रेस ने मोहर सिंह राठौड़ के बेटे जय सिंह राठौड़ को मौका दिया. लेकिन राठौड़ बीजेपी के रामसिंह कस्वां से चुनाव हार गए.