चूरू. राजपूत आरक्षण मंच के एक प्रतिनिधि मंडल ने सोमवार को जिला कलेक्टर संदेश नायक को सीएम के नाम ज्ञापन दिया. ज्ञापन में उन्होंने लिखा कि राज्य सरकार की ओर से गत 12 मार्च को जारी परिपत्र के अनुसार राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के व्यक्ति के लिए सरकारी नौकरियों, शिक्षा आदि में आरक्षण की व्यवस्था की गई है, लेकिन उक्त परिपत्र के अनुसार अभी भी इस वर्ग के बहुत से लोग उक्त आरक्षण का लाभ लेने से वंचित है. क्योंकि, जो 8 बीघा कृषि भूमि की शर्त लगाई गई है, वह काफी विसंगति पूर्ण है.
राजस्थान में भी गुजरात की तरह मिले आर्थिक आधार पर सवर्ण आरक्षण की मांग - आर्थिक आधार पर आरक्षण मामला
चूरू में राजपूत आरक्षण मंच के पदाधिकारियों ने सोमवार को गुजरात राज्य की तर्ज पर प्रदेश में आर्थिक आधार पर आरक्षण दिए जाने की मांग की है. इस दौरान मंच पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर को सीएम के नाम ज्ञापन दिया.
उनका कहना रहा कि किसी व्यक्ति के पास चूरू जिले में 8 बीघा जमीन है तो वह व्यक्ति गंगानगर जिले में 8 बीघा जमीन के मालिक की बराबरी नहीं कर सकता. इसके अलावा परिवार की आय 8 लाख रुपए सालाना मय प्रार्थी होना, परिवार के पास 5 एकड़ से अधिक कृषि भूमि नहीं होना, 1000 वर्ग फीट से अधिक का आवासीय फ्लैट नहीं होने सहित अन्य कई शर्ते लगाई गई है.
जबकि निकटवर्ती गुजरात राज्य में उक्त आर्थिक आधार पर दिए जाने वाले आरक्षण में बहुत सी शिथिलताएं बरती गई है. लेकिन राजस्थान राज्य में वो शिथिलताएं लागू नहीं होने से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों में रोष है. उन्होंने राजस्थान में भी आरक्षण गुजरात राज्य की तर्ज पर लागू किए जाने की मांग की है. ताकि इससे अधिकाधिक जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ मिल सके.