चूरू. कोविड-19 वैश्विक महामारी से लड़ी जा रही इस जंग में जहां बड़े-बड़े भामाशाह और दानदाता आगे आ कर सरकार और जिला प्रसाशन को आर्थिक सहायता दे रहे है, तो छोटे-छोटे मासूम भी अब मदद को हाथ बढ़ा रहे हैं. जिस उम्र में बच्चों के लिए उनका गुल्लक पैसों की तिजोरी ही सब कुछ होता है. वहीं पैसों वाली तिजोरी नन्हें मासूमों ने अपने हाथों से कोविड-19 से लड़ी जा रही जंग के लिए दान में दे दी.
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए लगातार कई लोग अपना सहयोग दे रहे हैं कोविड-19 से लड़ी जा रही जंग में जहां बड़े-बड़े सेठ साहूकार सरकार को आर्थिक सहारा देने में लगे हैं तो वहीं चूरू में नन्हें मासूमों ने मदद के हाथ आगे बढ़ाए हैं. जिस उम्र में बच्चों के लिए उनके खिलौने और उनका घर ही उनकी दुनिया होती है. उस उम्र में चूरू जिला मुख्यालय पर छोटे-छोटे नन्हें मासूमों ने अपनी पाई-पाई जोड़ जो राशि गुल्लक में एकत्रित की थी वो राशि कोरोना से लड़ी जा रही जंग में दान कर दी.
बता दें कि जिला मुख्यालय के वार्ड संख्या 59 की तीन मासूम बच्चियां एंजल, वेदिका और दिव्या जिन्होंने एक-एक रुपया अपने लिए साइकिल लाने के लिए इकट्ठा किए थे, उन रुपयों को इन मासूमों ने चूरू सभापति पायल सैनी को कोरोना से लड़ी जा जंग में लगाने के लिए दे दिया. इन बच्चों के गुल्लक में 5100 रुपए थे.
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मासूमों की देश प्रेम की इस भावना को देख सभापति के दफ्तर में मौजूद सभी लोगों ने इन मासूमों की बातें सुन खुद को गौरवान्वित महसूस किया कि देश पर आई विपदा से लड़ने के लिए मासूम भी आगे आ रहे हैं. गुल्लक दान करने वाली मासूम से जब बात की तो उसने कहा साइकिल अगले साल आ जाएगी. ये पैसे कोरोना की जंग में काम आने चाहिए.