चूरू. करीब 30 करोड़ की लागत से चूरू-जयपुर रोड पर बना आरओबी पिछले 10 महीने से बंद हैं. करोड़ों की लागत से बने इस आरओबी का भविष्य अब सोनोग्राफी रिपोर्ट पर टिका है. सोनोग्राफी रिपोर्ट सही होने पर ही सेफ लोड टेस्टिंग होगी. इसमें पास होने पर ही आरओबी पर बड़े वाहनों के प्रवेश की अनुमति मिलेगी, लेकिन इस प्रक्रिया में अभी 1 महीने का समय और लग सकता है.
जांच रिपोर्ट पर टिका चूरू-जयपुर रोड पर बने आरओबी का भविष्य - आरओबी
चूरू-जयपुर रोड पर बना आरओबी पिछले 10 महीने से क्षतिग्रस्त होने की वजह से बंद हैं. करोड़ों की लागत से बने इस आरओबी का भविष्य अब सोनोग्राफी (अल्ट्रासाउंड टेस्टिंग) रिपोर्ट पर टिका है.
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सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता सायरमल मीणा ने बताया कि टेंडर के मुताबिक आरओबी की चार प्रकार की टेस्टिंग होगी कोर कटिंग, अल्ट्रासाउंड, रिबाउंड और सेफ लोड टेस्टिंग होगी. सभी जांचों में पास होने पर बड़े वाहनों का आरओबी पर आवागमन शुरू किया जाएगा. यदि अल्ट्रासाउंड में फैल हुआ तो आरओबी को तोड़ना भी पड़ सकता है.
जयपुर की ईटीएल कंपनी को जांच का कार्य दिया गया है. टेस्टिंग के दौरान विभाग की तरफ से एईएन विजय कस्वा को लगाया गया है. वहीं ईटीटीएल की तीन सदस्यीय टीम दो दिन से जांच का कार्य कर रही है. टीम ने आरओबी के प्रत्येक पिलर से चार-पांच सैंपल और आरओबी से मैटेरियल की कटिंग कर कई दर्जन सैंपल लिए हैं.