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एक तरफ पूरे प्रदेश में मारामारी, दूसरी तरफ बगड़िया अस्पताल में शोपीस बने 5 वेंटिलेटर - चूरू न्यूज

देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण की बीच ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटीलेटर बेड की कमी देखने को मिल रही है. वहीं सुजानगढ़ के बगड़िया अस्पताल में बिस्तर तक ऑक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था है पर वो बेकार पड़ी है. दूसरी ओर सवा करोड़ रूपये के पांच वेंटीलेटर एक कमरे में बंद हैं क्योंकि उन्हें चलाने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ नहीं है.

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Published : Apr 20, 2021, 2:27 PM IST

सुजानगढ़ (चूरू). देश और प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर अपना कहर बरपा रही है. कोरोना के लगातार मरीज बढ़ रहे हैं लेकिन क्षेत्र के सबसे बड़े राजकीय बगड़िया अस्पताल में प्रत्येक बिस्तर तक ऑक्सीजन पाइप लाइन पंहुचने के बावजूद आज तक उसका लाभ आम आदमी को नहीं मिल पा रहा है. वहीं सवा करोड़ रूपये के पांच वेंटीलेटर केवल शो पीस बन कर रह गए हैं.

एक साल पहले जब देश और प्रदेश में कोरोना फैल रहा था, तब तत्कालीन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री दिवंगत मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल में आईसीयू और वेंटीलेटर की आवश्यकता को महसूस किया. जिसके परिणाम स्वरूप उन्होंने राजकीय बगड़िया चिकित्सालय में आईसीयू कक्ष और पांच वेंटीलेटर और प्रत्येक बेड तक ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति हो, इसके लिए पाइप लाईन राज्य सरकार से स्वीकृत करवाई.

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वहीं अस्पताल में मेडीकल गैस पाइप लाईन और सम्प्रेषण कार्य के लिए राज्य सरकार ने 41.60 लाख रूपये स्वीकृत किए. दिवंगत मंत्री मा. भंवरलाल मेघवाल की वर्चुअल उपस्थिति में उनकी पुत्री पूर्व प्रधान दिवंगत डॉ. बनारसी मेघवाल ने 11 जुलाई 2020 को इस कार्य का शिलान्यास किया. शिलान्यास के बाद कार्य ने अपनी गति पकड़ी और विगत नौ महीनों में अस्पताल के पीछे के हिस्से में ऑक्सीजन मैनफोल्ड और निर्बाध ऑक्सीजन सप्लाई के लिए प्रत्येक बिस्तर तक पाइप लाईन पंहूचाने का काम पूरा हो चूका है. आईसीयू वार्ड के लिए कमरा भी तैयार है, जिस पर आईसीयू वार्ड लिखी प्लेट लगी हुई है लेकिन दूसरी ओर पीएमओ डॉ. सुरेश कालानी कह रहे हैं कि अभी हमारे पास आईसीयू नहीं है, तो फिर यह आमजनता को भ्रमित करने के लिए अस्पताल के ऊपर फ्लोर पर स्थित एक कमरे पर आईसीयू की प्लेट क्यों लगाई गई है. आईसीयू के लिए सरकार ने घोषणा की है और पीएमओ के कथनानुसार उन्होंने इसके लिए तकमीना बना कर भी सरकार को भेज दिया है और बजट स्वीकृत होते ही शीघ्र ही आईसीयू की सुविधा क्षेत्रवासियों को मिलेगी. ऐसी उम्मीद की जा सकती है.

सवा करोड़ रूपये के पांच वेंटीलेटर केवल शो पीस

इसके अलावा सरकार की ओर से भेजे गए 25 लाख रूपये प्रति वेंटीलेटर की लागत से पांच वेंटीलेटर भी अस्पताल में पहुंच चूके हैं. वेंटीलेटर चलाने के लिए अस्पताल में कोई प्रशिक्षित स्टाफ ही नहीं है, तो उसका संचालन कोई कैसे करे और मरीजों को उसका लाभ कैसे मिले, इस बारे में सब कोई मौन है. बिना प्रशिक्षित स्टाफ के सवा करोड़ रूपये के पांच वेंटीलेटर केवल और केवल शो पीस बन कर रह गए हैं. जिन्हे सुरक्षा के लिहाज से एक कमरे में बंद रखा जा रहा है.

पीएमओं ने कहा उन्हें पूरी जानकारी नहीं

पीएमओ डॉ. सुरेश कालानी से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होने गोलमोल जवाब देते हुए इस बारे में पूरी जानकारी उन्हें नहीं होकर एनआरएचएम के अधिकारियों को होने की बात कही. राजकीय बगड़िया अस्पताल में आईसीयू का संचालन होने से ना केवल सुजानगढ़, अपितु लाडनूं, बीदासर सहित आस-पास के गांवों के लाखों लोगों का लाभ मिलेगा लेकिन यह लाभ कब मिलेगा, इसका जवाब शायद ही निकट भविष्य में मिल पायेगा.

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पीएमओ डॉ. सुरेश कालानी कहा कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, ऑक्सीजन के लिए 43 सिलेंडर है, तीस छोटे और 13 बड़े हैं, जिनमें से 30-32 सिलेंडर भरे हुए हैं. गैस पाइप लाइन में सिलेंडर ही जोड़ने हैं लेकिन गैस पाइप लाईन अभी हमें हैंड ओवर नहीं हुई है. गैस पाइप लाईन से जो सुविधा मिलनी चाहिए थी, वह अभी सिलेंडर से मिल रही है. ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, सप्लाई पूरी है. आईसीयू हमारे पास नहीं है. आइसोलेशन वार्ड में बेड पर वेंटीलेटर लगा कर मरीज को इसका फायदा देने की सुविधा दे सकते हैं. आईसीयू के लिए सरकार ने घोषणा की है, जल्द से जल्द बन जायेगा. इसके लिए प्रयासरत हैं और तकमीना बना कर सरकार को भेजा है.

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