सुजानगढ़ (चूरू). कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने देशव्यापी रेल रोको आंदोलन का समर्थन करते हुए रेलवे स्टेशन पर चार घण्टे तक प्रदर्शन किया. अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के बैनर तले किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सरकार से हठधर्मिता छोड़कर कृषि कानून वापस लेने की मांग की है. किसानों ने कहा कि उन्हें के धरने को 65 दिन उपखण्ड कार्यालय के सामने हो गए है.
उन्होंने कहा कि जब तक किसानों के काले कानून वापस नहीं लिए जाएंगे तब तक वे डटे रहेंगे. किसान नेता रामनारायण रुलानिया ने धरने पर सम्बोधित करते हुए कहा कि किसान कृषि काले कानून की वापसी के बाद भी धरने से उठेगा.
शहर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सविता राठी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार हिटलर की तरह काम कर रही है. राठी ने कहा कि किसानों के साथ कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दल है. उन्होंने कहा कि सरकार जिद छोड़कर किसानों के हित्तो को ध्यान रखकर कृषि कानूनों को खत्म करने की घोषणा करे.
किसान मदनलाल भामू ने कहा कि खेत उनका, जमीन उनकी, फसल उनकी लेकिन उसमें दूसरी कंपनियां दखल दे वो किसानों को पसंद नही है. वंही लालूराम बिजारणिया ने कहा कि कृषि कानूनों से देश के बड़े उधोगपति फसलों का भंडारण कर अपनी मनमर्जी से आम लोगों को बेचेंगे. धरने में तेजपाल गोदारा, बिसनलाल छरंग, रामनरायण रुलानिया, गंगाधर मूंड, एडवोकेट रामकुमार मेघवाल, तिलोक मेघवाल सहित अन्य किसान मौजूद थे.