चूरू. पिछले 70 दिनों से दिल्ली के शाहजहांपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में अब चूरू के किसान भी केंद्र सरकार के खिलाफ हुंकार भरेंगे. किसान आंदोलन के समर्थन में मंगलवार को जिला मुख्यालय पर भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने प्रेस वार्ता कर जानकारी दी.
6 फरवरी को चक्का जाम की चेतावनी भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि शाहजहांपुर बॉर्डर पर चल रहे इस धरने में अब चूरू जिले के किसान भी शामिल होंगे. इसके लिए बुधवार से जिले भर में वाहनों की व्यवस्था भी की गई है. किसान आंदोलन में जिले के किसानों को ले जाने के लिए जिला मुख्यालय पर बुधवार को 7 बस लगेगी और दर्जनों छोटी गाड़ियां रहेंगी.
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रामरतन सिहाग ने बताया कि सरकार की ओर से कृषि सुधार के नाम पर लागू किए गए तीन काले कानून खेती किसानी को बर्बाद करने वाले हैं. किसानों को कॉरपोरेशन का गुलाम बनाने वाले और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को ध्वस्त करने वाले हैं.
किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि किसानों के हित मे इन तीनों किसान विरोधी कृषि कानूनों को केंद्र सरकार वापस लें. साथ ही खेती के कॉरपोरेटकरण की राह को तिलांजलि देकर किसानों की स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप फसलों की संपूर्ण लागत में 50 फीसदी मुनाफा जोड़कर समर्थन मूल्य देने का कानूनी प्रावधान करें. किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष रामरतन सिहाग ने बताया कि अगर सरकार ने हमारी मांगे जल्द नहीं मानी तो आगामी 6 फरवरी को जिला मुख्यालय पर चक्का जाम किया जाएगा.