चूरू.जिले में पिछले 15 दिन से कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है. ऐसे में चूरू नगर परिषद के बने रैन बसेरों के हालात जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने रैन बसेरों की व्यवस्थाओं से रूबरू हुई. चूरू नगर परिषद की ओर से यहां दो रैन बसेरे बनाए गए है, लेकिन दोनों ही रैन बसेरों में सिर्फ रजाई और गद्दों के कुछ खास व्यवस्थाएं नहीं है.
चूरू के रैन बसेरों का रियलिटी चेक, देखें रिपोर्ट शायद यही वजह है कि इन रैन बसेरों में रुकने के लिए भी 5-10 लोग ही आ रहे है. कड़ाके की ठंड के बाद भी रैन बसेरे खाली ही रहते हैं. हालांकि नगर परिषद की ओर से शहर के दोनों रैन बसेरों में 50-50 व्यक्तियों की ठहरने की व्यवस्था की गई है, तो वहीं ठहरने के लिए पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग ब्लॉक बनाए गए है.
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चूरू के इन रैन बसेरों में गर्म पानी के लिए गीजर लगाए तो गए हैं, लेकिन वे खराब है. हालांकि पीने के शुद्ध पानी के लिए यहां पर आरओ का पानी मंगवाया जा रहा है तो सुरक्षा के लिहाज से यहां केवल केयरटेकर की व्यवस्था है. दोनों ही रैन बसेरों के शौचलय साफ है, लेकिन एक रैन बसेरे के टॉयलेट में लाइट खराब है. जानिए रैन बसेरों में कैसी व्यवस्थाएं है और क्या खामियां है.
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पुराना बस स्टैंड का रैन बसेरा
चूरू नगर परिषद के पुराना बस स्टैंड स्थित रैन बसेरे में अभी ठहरने के लिए इक्के-दुक्के लोग ही आ रहे है, हालांकि यहां पर रजाई व गद्दों की व्यवस्था तो है, लेकिन यहां के गीजर खराब है. यहां पर कमरों में बिजली की व्यवस्था तो है, लेकिन रैन बसेरे के दूसरे हिस्सों में रोशनी का अभाव है. महिला ब्लॉक में केवल पलंग लगाए गए है, हालांकि इस रैन बसेरे में ठहरे हुए व्यक्तियों का कहना है कि वे यहां की व्यवस्थाओ से खुश है लेकिन यह हकीकत नहीं है. इस रेन बसेरे के टॉयलेट्स में लाइट्स नहीं है.
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नया बस स्टैंड का रैन बसेरा
चूरू नगर परिषद के नए बस स्टैंड के रैन बसेरा के बाहर दीवार नहीं है तो वही सामने ही गंदे पानी की नाली बह रही है. यहां के रैन बसेरे के गीजर भी खराब है तो इन रैन बसेरों में टीवी की सुविधा नहीं है. वहीं रैन बसेरे के कुछ हिस्से अंधेरे में डूबे रहते हैं, हालांकि रैन बसेरे के कमरों में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था है. इस रैन बसेरे में 50 व्यक्तियों के ठहरने की व्यवस्था है तो वहीं महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग ब्लॉक्स बनाए गए हैं.