चूरू.प्रदेश में हजारों गोवंशों की मौत हर साल पॉलीथिन खाने से होती है. पॉलिथीन खाने से गायों को कई खतरनाक बिमारियां भी हो रही है. देश और प्रदेश की सरकारें भी पॉलीथिन पर रोक लगाने के लिए प्रयास कर रही है. ऐसे में चूरू के सालासर बालजी गोशाला संस्थान की ओर से भी सिंगल यूज पॉलीथिन के खिलाफ अभियान छेड़ा गया है.
गोशाला संस्थान ने बांटे कपड़े के थैले सालासर की बालाजी गोशाला संस्थान की ओर से पिछले 9 महीने में कस्बे में 30 हजार से ज्यादा कपड़े के थैले दुकानदारों को बांटे जा चुके है. जिससे की कस्बा पॉलीथिन मुक्त हो सके और किसी गाय की पॉलीथिन थैली खाने से मौत हो ना हो.
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हनुमान जयंती से शुरू हुआ पॉलीथिन मुक्त अभियान
सालासर की बालाजी गोशाला संस्थान ने अप्रैल 2018 में हनुमान जयंती से पॉलिथीन मुक्त अभियान शुरू किया था. गोशाला का मकसद है कि गायें पॉलिथीन खाकर मौत की शिकार ना हो. साथ ही सालासर पॉलीथिन मुक्त हो सके. जिससे कि पर्यावरण शुद्ध हो और कस्बा साफ सुथरा हो सके.
गाय के पेट से निकला था 50 किलो पॉलीथिन
कुछ साल पहले ही एक गाय के पेट से गोशाला के हॉस्पिटल में ही ऑपरेशन कर 50 किलो पॉलीथिन निकाला गया था. इसके साथ ही उस गाय के पेट में से एक जींस की पैंट, लोहे की किलें और के तार निकाले गऐ थे. जिसके बाद से ही गोशाला ने पॉलीथिन के खिलाफ मुहिम शुरू कर दी.
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अत्याधुनिक तकनीक से बना है हॉस्पिटल
सालासर स्थित इस गोशाला परिसर में ही एक हाईटेक हॉस्पिटल है. जहां बीमार और घायल गोवंश का इलाज किया जाता है. इस अस्पताल में एक्सरे, मॉर्डन ऑपरेशन थियेटर और हाईटेक एम्बुलेंस की सुविधा भी है. गोशाला के हॉस्पिटल में आपातकालीन सुविधा भी है. इस काम के लिए गोशाला प्रबंधन को कई संस्थान सम्मानित भी कर चुके है.
अपने अभियान को लेकर गोशाला संस्थान के अध्यक्ष रविशंकर पुजारी ने ईटीवी भारत के संवाददाता से बताया कि पॉलीथिन की थैलियां खाने से गोवंश मौत का शिकार हो रहा था. गायें बीमार हो रही थी. इसलिए अभियान चलाकर सालासर के दुकानदारों को 30 हजार कपड़े के थैले बांटे जा चुके हैं. गाय को बचाने के लिए अभियान जारी रहेगा. साथ ही सालासर बालाजी के दर्शन के लिए देश के कई इलाकों से साल भर में लाखों श्रद्धालु आते है. इस लिए भी शहर में साफ सुथरा रखने के लिए पॉलीथिन मुक्त अभियान शुरू किया गया है.