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Published : May 9, 2020, 7:42 PM IST

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कब्रिस्तान- जहां जाने में जेहन में घबराहट हो जाए, वहां जिंदगी ने जीने की राह ढूंढ ली

चूरू में लकड़ी काटने का काम करने वाले 19 कश्मीरी श्रमिक लॉकडाउन के कारण यहीं फंस गए थे. रहने और खाने के संकट के चलते इनको कब्रिस्तान में शरण लेनी पड़ी. नगर परिषद को जब इसकी जानकारी मिली तो सभी कश्मीरी श्रमिकों आश्रय गृह में ठहराया गया.

Kashmiri Workers Stay in Cemetery, Kashmiri Workers in Churu
लॉकडाउन में फंसे कश्मीरी श्रमिकों ने लिया कब्रिस्तान का सहारा

चूरू.कोरोना के चलते लागू किए गए लॉकडाउन से गरीब और अपने घरों से दूर मजदूरी कर रहे मजदूर वहीं फंस गए हैं. मजबूरी में घर से पलायन कर दूसरे राज्यों में आकर रोजी-रोटी के लिए मजदूरी करने वाले लोगों के सामने अब खाने और रहने का संकट आ खड़ा हुआ है. जिसके चलते कश्मीर से रोजी-रोटी कमाने चूरू आए 19 कश्मीरी श्रमिक कब्रिस्तान में रहने को मजबूर हो गए.

लॉकडाउन में फंसे कश्मीरी श्रमिकों ने लिया कब्रिस्तान का सहारा

'मायूसी' में डूबे मजदूरों को 'मजबूरी' ने पहुंचा दिया कब्रिस्तान

दरअसल नवंबर माह में अपना घर परिवार छोड़कर जम्मू-कश्मीर के रामबंद जिले के खरी गांव से ये श्रमिक चूरू में रोजी रोटी कमाने आए थे. ये यहां पर लकड़ियां काटने का काम करते हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते इनका ये काम ठप पड़ा है. ऐसे में जो पैसा इन्होंने कमाया था, वह सारा खर्च हो गया. जिसके बाद इनके सामने रहने और खाने का संकट आ खड़ा हुआ तो यह कश्मीरी कब्रिस्तान में रहने लगे.

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इसकी जानकारी पार्षद अनीश खान को मिली तो उन्होंने नगर परिषद सभापति तक बात पहुंचाई. जिसके बाद इन सभी कश्मीरियों के रहने की व्यवस्था नगर परिषद की ओर से संचालित आश्रय गृह में की गई. सभी 19 कश्मीरी रोजेदार हैं. अब इन सभी की खाने-पीने की व्यवस्था नगर परिषद की ओर से की गई है, लेकिन घाटी के ये सभी लोग हाथ जोड़कर अपने घर पहुंचाने की गुहार लगा रहे हैं.

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