चूरू.केंद्र की मोदी सरकार ने कोरोना काल में सांसदों की दो साल की सांसद निधि को खत्म कर दिया. इस फैसले को लेकर चूरू सांसद राहुल कस्वां ने मोदी सरकार का समर्थन किया है. इसके साथ ही सांसद निधि कोष को बढ़ाने की सिफारिश भी की है. इस विषय को लेकर ईटीवी भारत ने सांसद राहुल कस्वां से खास बातचीत की.
सांसद राहुल कस्वां ने कहा कि सांसद निधि क्षेत्र के अंदर विकास करने के लिए एक टोकन किस्म का पैसा हमें मिलता है, जो राशि बहुत छोटी है. उनका कहना है कि सांसद निधि कोष से 5 करोड़ रुपए की राशि मिलती है, जिसमें करीब हमारे 8 तहसील है. इसमें हर एक तहसील को 50 से 55 लाख रुपए मिलता है और हर तहसील में 200 गांव हैं. अगर हर गांव में पैसा पहुंचाने की कोशिश की जाए तो 20 हजार रुपए भी एक गांव के हिस्से में नहीं आते.
कस्वां ने कहा कि सांसद निधि के पैसे को हमने बड़े विकास कार्य में लगाने की कोशिश की है. चाहे फिर वह बिजली के खंबों की बात हो या जिले को कम्प्यूटर लैब देने की बात हो या फिर गर्ल्स स्कूल में टेबल टेनिस देने की बात हो. उन्होंने बताया कि मोदी सरकार की ओर से सासंद निधि कोष को खत्म किए जाने के बाद चूरू में भी सांसद निधि की दूसरी किश्त अटक गई है, जिससे सिर्फ साल 2019-20 की प्रथम किश्त ही चूरू जिले को मिल पाई है.
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हर पंचायत हेड क्वॉर्टर पर खेल मैदान बनवाने का प्रण लिया था, लेकिन सांसद निधि ही खत्म हो गई
कस्वां ने कहा कि हमने यह भी प्रण लिया था कि इस बार हम पंचायत हेड क्वॉर्टर के ऊपर एक खेल मैदान का ट्रैक बनवाएंगे, जिसको हमनें सांसद निधि से बनवाने और योगदान देने की सोची थी. लेकिन वह पैसा खत्म कर दिया गया, क्योंकि कोविड-19 जैसी बीमारी देश में आई, जिसके बाद प्रधानमंत्री ने पीएम केयर फंड बनाया, जिसमें सभी सांसदों की 2 साल तक की निधि को उसमें डायवर्ट कर दिया गया.