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चूरूः पूर्व सांसद रामसिंह कस्वा के आवास पहुंचे 20 गांवों के ग्रामीण, रेलवे द्वारा बंद किया गया रास्ता खुलवाने की मांग - Churu News

चूरू जिले के सादुलपुर उपखंड में रेलवे द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बंद किए गए रास्ते को खुलवाने की मांग को लेकर शुक्रवार को 20 गांवों के ग्रामीण पूर्व सांसद रामसिंह कस्वा के आवास पर पहुंचे और रेलवे द्वारा बंद किए गए रास्ते को खुलवाने की मांग की.

Villagers of 20 villages reached the residence of former MP Ram Singh Kaswa, churu news, चूरू न्यूज
20 गांव के ग्रामीण पहुंचे पूर्व सांसद रामसिंह कस्वा के आवास

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Published : Nov 29, 2019, 5:03 PM IST

सादुलपुर (चूरू) जिले के सादुलपुर उपखंड के बीस गांव के ग्रामीणों ने शुक्रवार को रेलवे द्वारा बंद किए गए रास्ते को खुलवाने की मांग को लेकर पूर्व सांसद रामसिंह कस्वा के आवास पर पहुंचे और उन्हें रेलवे द्वारा बंद किए गए रास्ते से अवगत कराया.

20 गांव के ग्रामीण पहुंचे पूर्व सांसद रामसिंह कस्वा के आवास

ग्रामीणों ने बताया कि गुगलवा, किरताण से बेवड भेसली, नवा पिलानी पर स्थित रास्ते को रेलवे द्वारा बंद कर दिया गया है. उक्त कटानी रास्ता हमारे संपूर्ण गांव के खेतों का है, जहां सैकड़ों वर्षों से आना जाना है. रेल अधिकारियों द्वारा यह आम रास्ता बंद करने से हमारा खेतों में आना-जाना बंद हो गया है.

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तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

ग्रामीणों की समस्या सुनने के बाद पूर्व सांसद रामसिंह कस्वा और रेल संघर्ष समिति के मुकेश रामपुरा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया. वहीं ग्रामीणों ने मांग की है कि रेलवे अधिकारियों से बात करके तुरंत प्रभाव से रास्ता खुलवाकर उचित स्थान पर आर.यू.बी बनाने की कार्रवाई करें. बता दें कि आर.यू.बी कि राज्य सरकार द्वारा 1.71 करोड़ कि एक वर्ष पूर्व स्वीकृत की गई थी और इसका टेंडर भी हो चुका हैं, लेकिन टेंडर स्वीकृत नहीं हुए हैं.

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वहीं ग्रामीणों ने कहा है कि आसपास के बीस गांव के रास्ते के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि ग्रामीणों ने कहा कि अगर आर.यू.बी का निर्माण जल्द नहीं हुआ तो हम आंदोलन को मजबूर होंगे जिसकी जवाबदारी प्रशासन और रेलवे प्रशासन की होगी. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि आठ साल पहले इसी जगह पर रेल दुर्घटना में तीन व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी थी. उस समय भी हमने आर.यू.बी की मांग की थी, लेकिन प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली.

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