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चूरू में बाल कल्याण समिति सदस्य के पिता के होटल में बालश्रम, 14 साल के बालक को किया गया मुक्त - Rajasthan Hindi news

चूरू में पंचायत समिति के पास पवन भोजनालय से 14 साल के बच्चे को बालश्रम (Child Trafficking in Churu) मुक्त करवाया है. मामले में सामने आया है कि भोजनालय किसी और का नहीं ब्लकि बाल कल्याण समिति सदस्य एडवोकेट मनोज सैनी के पिता का है.

चूरू में बालक को कराया गया श्रममुक्त

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Published : Apr 30, 2022, 9:38 AM IST

Updated : Apr 30, 2022, 12:18 PM IST

चूरू. शहर के पंचायत समिति के पास पवन भोजनालय पर मानव तस्करी विरोधी यूनिट और चाइल्ड हैल्प (Child Labour in Churu) लाइन की टीम ने 14 साल के बच्चे को बालश्रम से मुक्त करवाया है. एसपी दिगंत आनंद के निर्देश पर ये कार्रवाई शुक्रवार शाम को की गई. इस भोजनालय में बालक से सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक कार्य करवाया जा रहा था, जिसके एवज में उसे प्रतिमाह महज 3 हजार रुपए देकर उसका शोषण किया जा रहा था. बताया जा रहा है कि ये भोजनालय किसी और का नहीं ब्लकि बाल कल्याण समिति सदस्य एडवोकेट मनोज सैनी के पिता का है.

चूरू चाइल्ड हेल्प लाइन के डिस्ट्रिक्ट कोर्डिनेटर पन्ने सिंह ने बताया कि उन्हें ईमेल के जरिए इसकी सूचना मिली थी. जिसके बाद मानव तस्करी यूनिट और चाइल्ड हेल्पलाइन टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए बालक को बालश्रम से मुक्त करवाया गया. भोजनालय बाल कल्याण समिति के सदस्य मनोज सैनी के पिता का है, जो कार्रवाई के दौरान भोजनालय पर मौजूद थे. उन्होने बताया कि नाबालिग को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करने के दौरान चाइल्ड हेल्प लाइन टीम को मनोज सैनी ने ये कहते हुए बाहर निकाल दिया कि ये उनका निजी मामला है, क्योंकि बालक के नियोजक उनके पिता चानणमल सैनी ही हैं.

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डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर पन्ने सिंह ने बताया कि जब वहां कार्रवाई की जा रही थी तो चानणमल ने कहा कि बालक उनका दोहिता है. बालक का पिता शराबी है इसलिए उसे यहां रखा गया है, जबकि बालक कोई और ही निकला. इधर पूरे मामले में मानव तस्करी विरोधी यूनिट प्रभारी अल्का ने जो फर्द बनाई उसमें नियोजक किसी सुभाष सैनी (पुत्र कानाराम) को बता दिया. साथ ही जो बाल कल्याण समिति सदस्य के पिता चानणमल हैं उन्हें होटल पर बैठा एक व्यक्ति बताया. फर्द में बताया गया कि होटल में एक व्यक्ति मिला जिसने अपना नाम चानणमल (निवासी प्रतिभानगर) बताया.

जिससे होटल मालिक के बारे में पूछा गया तो उन्होने बताया कि मालिक सुभाष (पुत्र कानाराम) है जो सामान लेने गया हुआ है. इस बयान के आधार पर मानव तस्करी विरोधी युनिट ने सुभाष (पुत्र कानाराम) के खिलाफ बालश्रम अधिनियम 1986, जेजे एक्ट और आईपीसी की धारा 374 में मामला दर्ज करवा दिया. यानि पूरे मामले में मानव तस्कर विरोधी यूनिट की प्रभारी भी सवालों के घेरे में हैं. हालांकि प्रभारी अलका ने ये कहते हुए अपना बचाव किया कि मामले की जांच की जा रही है, इसके बाद ही वास्तवितकता का पता चल पाएगा.

Last Updated : Apr 30, 2022, 12:18 PM IST

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