चूरू .भाजपा ने चूरू लोकसभा सीट पर लंबी खींचतान के बाद एक बार फिर से मौजूदा सांसद राहुल कस्वां को टिकट दिया है. पिछले कई दिनों से टिकट को लेकर दो दिग्गज नेताओं में आपस में खींचतान चल रही थी. इसी गुटबाजी के कारण कस्वां का नाम पहली सूची में फाइनल नहीं किया गया था. लेकिन, पार्टी स्तर पर किए मंथन और आंतरिक सर्व के दौरान राहुल कास्वां सबसे आगे रहे. यही वजह रही कि पार्टी ने मौजूदा सांसद पर दोबारा से दांव खेला है.
चूरू सीट पर गुटबाजी और विरोध के बाद भी राहुल कास्वां को टिकट...यह है वजह - BJP
चूरू लोकसभा सीट पर भाजपा ने एक बार फिर मौजूदा सांसद राहुल कास्वां पर भरोसा जताते हुए चुनाव मैदान में उतारा है. इस सीट पर तमाम गुटबाजी के बाद भी कास्वां को टिकट मिलने के पीछे कई कारण रहे हैं....
![चूरू सीट पर गुटबाजी और विरोध के बाद भी राहुल कास्वां को टिकट...यह है वजह](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/images/768-512-2850204-693-3748e008-dea9-4637-8ab4-85e6ac265a7a.jpg)
दरअसल, इस बार राहुल कस्वां के साथ ही भाजपा के कई दावेदार मैदान में थे. इनमें से भाजपा के कद्दावर नेता और आमेर विधायक सतीश पूनिया, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी देवेंद्र झाझड़िया, चूरू जिला प्रमुख हरलाल सहारण का नाम टिकट के लिए चल रहा था. चूरू से विधायक और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का नाम भी इस सीट के लिए चला. लेकिन पार्टी स्तर पर हुए आंतरिक सर्वे में राहुल कास्वां नंबर एक पर रहे. बताया जा रहा है कि इसी वजह से पार्टी ने उनपर फिर से भरोसा जताया है. जानकारों का मानें तो राहुल कास्वां पर पार्टी ने कई कारणों से भरोसा जताया है. पहला यह कि कास्वां का आमजन के साथ जुड़ाव रहा है और ज्यादा विवादित नहीं रहे. आपको बता दें कि कास्वां ने पिछले लोकसभा चुनाव में करीब तीन लाख मतों से जीत हासिल की थी. इससे पहले राहुल कास्वां के पिता रामसिंह कस्वा यहां से लगातार तीन चुनाव जीत चुके हैं. राहुल को इस लोकसभा चुनाव में 6 लाख वोट मिले थे, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के अनिमेष महर्षि को 3 लाख वोट मिले थे.