चूरू. जिले में एक बार फिर मानवता और इंसानियत को शर्मशार कर देने वाला सनसनीखेज मामला सामने आया है. जिस खून के रिश्ते पर बेटी की हिफाजत की जिम्मेदारी होती है. उसी कलयुगी पिता ने अपनी मासूम बेटी का सौदा कर दिया. अब तक ईटीवी भारत जिस असम की दस्तयाब बालिका की खबर को प्रमुखता से उठा रहा था और मासूम के साथ हुई हैवानियत की बात को उठा रहा था. उस मासूम की मासूमियत को किसी और ने नहीं बल्कि उसी के पिता ने छीन लिया और चंद पैसों के खातिर मानव खरीद फरोख्त करने वाले हैवानों के हवाले अपनी बेटी को कर दिया. तारानगर थाना पुलिस के एक गांव में 6 अक्टूबर को मिली लावारिस हालत में असम की बालिका के मामले में बड़ा खुलासा सामने आया है. अब तक सिर्फ बालिका की खरीद फरोख्त की आशांका जताई जा रही थी. अब साफ और स्पष्ठ हो गई है कि बालिका की बड़े स्तर और एक बड़े गिरोह ने खरीद फरोख्त की है.
पिता ने ही चंद पैसों के लिए किया था बेटी का सौदा ऐसे हुआ खुलासा
पूरे मामले की पुलिस जांच में जो सबसे बड़ा रोड़ा आ रहा था, वह यह था कि बालिका सही से यहां की भाषा नहीं समझ रही थी और ना ही खुद कुछ बता पा रही थी. काउंसलिंग के दौरान भी बालिका कुछ बयां नहीं कर पाई थी. जिसके बाद तारानगर थाना पुलिस ने मामले में आरोपियो तक पहुंचने के लिए बालिका को उसी जगह लेकर पहुंची, जहां से उसे दस्तयाब किया गया था. आसपास के इलाके में जब बालिका को घुमाया, तो उसने एक मकान को पहचाना और कहा कि वह यही रहती थी. जिस पर पुलिस ने उक्त मकान के मालिक का पता लगाया, तो पता लगा कि यह मकान साहवा थाने के देवगढ़ गांव के किशन जाट का मकान है. पुलिस ने जब मकान मालिक से पूछताछ की तो किशन जाट ने स्वीकार किया कि असम की यह बालिका चार पांच दिनों से इसी मकान में थी और बालिका को उसके पास राजगढ़ के भमाणा गांव का धर्मपाल छोड़ कर गया था.
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पुलिस ने आरोपी धर्मपाल से पूछताछ की, तो धर्मपाल ने बताया कि उसके पास उसके ददरेवा गांव निवासी रिश्तेदार ओम प्रकाश है, जो झुंझुनू में रहता है. वह इस लड़की को छोड़ कर गया था. पुलिस ने जब ओमप्रकाश को बुलाकर पूछताछ की, तो उसने पुलिस को बताया कि लड़की को उसके पिता ने ही उससे बेच दिया था. बताया जा रहा है कि यहां से फिर लड़की को खरीदने बेचने का खेल शुरू होआ है और आरोपी ओमप्रकाश लड़की को हरियाणा के किसी गांव में बेच दिया. इसके बाद हरियाणा का एक युवक इस लड़की को कुछ दिन रखकर फिर ओमप्रकाश को सौंप देता है. ओमप्रकाश और धर्मपाल फिर इस लड़की को किशन जाट के हवाले कर देता है.
यह है मामला
चूरू जिले की तारानगर थाना पुलिस ने सरपंच की सूचना पर गांव नेठवा से एक असम की बालिका को दस्तयाब किया था. तारानगर थाना पुलिस ने दस्तयाब बालिका को चूरू बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया, जहां समिति ने बालिका का स्वास्थ्य परीक्षण करवाने के आदेश दिए और बालिका के गर्भवती होने की आंशका के चलते उसका प्रेगनेंसी टेस्ट करवाने को कहा. जिस पर तारानगर थाना पुलिस ने चूरू के राजकीय भर्तिया अस्पताल में बालिका का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया और उसका प्रेगनेंसी टेस्ट करवाया. दूसरे दिन बालिका की प्रेगनेंसी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिसमें बालिका के 11 हफ्ते 6 दिन की गर्भवती होने का खुलासा हुआ. इसके बाद पुलिस ने बालिका की उम्र का पता लगाने के लिए उसका उम्र टेस्ट करवाया, जिसमें बालिका 16 से 19 वर्ष के बीच बताई गई है. जिसके बाद पुलिस ने बालिका को फिर से बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया. इसके बाद समिति ने बालिका को बीकानेर नारी निकेतन भेजने के आदेश दिए.
संगीन धाराओं में मामला दर्ज
तारानगर थाना पुलिस ने चार नामजद किशन जाट, धर्मपाल, ओमप्रकाश और लड़की के पिता सहित अन्य के खिलाफ तारानगर थाने में आईपीसी की धारा 376, पॉक्सो और मानव तस्करी, बाल विवाह अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है. पूरे मामले की जांच अब महिला थानाधिकारी को सौंपी गई है. साथ ही यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि बालिका के साथ कितने लोगों ने हैवानियत की है.