सरदारशहर (चूरू). देश आज कोविड-19 महामारी के चपेट में है. ऐसे में बेहतर इम्युनिटी के साथ कोरोना से जंग लड़ा जा सकता है. इस संकट के समय में सरदारशहर के श्री भंवरलाल दूगड़ आयुर्वेद विश्व भारती महाविद्यालय की रसायनशाला ने एक आयुर्वेदिक काढ़ा बनाया है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है.
यह आयुर्वेद महाविद्यालय ब्रह्मलीन संत स्वामी श्री रामशरण जी महाराज ने 1955 ई. में सरदारशहर कस्बे में स्थापित में स्थापित किया था. इस रसायनशाला ने सर्वज्वरहर एंटीवायरल चूर्ण का निर्माण किया है. जो शरीर को किसी भी बिमारी से लड़ने के लिए तैयार करता है. वहीं इस काढ़े को अब तक 3 लाख 75 हजार लोगों को निःशुल्क वितरण किया गया है. साथ ही रसायनशाला के 315 कार्मिकों ने दिन-रात लगकर शहर और गांवों में घर-घर जाकर इस काढ़े को पिलाने का कार्य किया. इस सर्वज्वरहर काढ़े के चूर्ण का नुस्खा स्वर्गीय ए. नागराज ने बनाया था. यह नुस्खा उनके 800 साल से प्राचीन आयुर्वेद की परिवार परंपरा से मिला है.
कई बीमारियों में रामबाण
यह सर्वज्वरहर चूर्ण मयादी बुखार सहित सभी प्रकार बुखारों, भूख की कमी, सिरदर्द, श्वास में संक्रमण, दुर्बलता, कफ एवं खांसी में बहुत लाभकारी है. यह काढ़ा मानव की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर जीवाणु एवं विषाणु जनित संक्रमण से शरीर की रक्षा के लिए यह रामबाण औषधि की भांति काम कर रहा है. इस चूर्ण का सेवन शहद, चाय, कॉफी, दूध एवं काढ़े के रूप में किया जा सकता है.
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