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राजस्थान में यहां है एशिया की दूसरी सबसे बड़ी नीलकंठ महादेव की प्रतिमा

चूरू से करीब 12 किलोमीटर दूर बिसाऊ में नीलकंठ महादेव की 132 फीट ऊंची प्रतिमा सावन माह में भक्तों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई (132 feet tall Lord Shiva statue in Churu) है. दावा किया जाता है कि नीलकंठ महादेव की ये प्रमिमा एशिया की दूसरी सबसे बड़ी प्रतिमा है. इस मंदिर का क्षेत्रफल दो जिलों को कवर करता है.

Lord Shiva Statue
यहां है एशिया की दूसरी सबसे बड़ी नीलकंठ महादेव की प्रतिमा, ऊंचाई 132 फीट

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Published : Aug 11, 2022, 10:43 AM IST

Updated : Aug 11, 2022, 2:49 PM IST

चूरू.भगवान ​शिव का सबसे प्रिय माह सावन चल रहा है. चारों तरफ हरियाली के बीच ​शिव मंदिरों में हर-हर महादेव के जयघोष सुनाई दे रहे हैं. इस दौरान चूरू शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर बिसाऊ में भगवान भोलेनाथ की 132 फिट की प्रतिमा लोगों के श्रद्धा का केन्द्र बनी हुई है. दावा है कि भगवान ​शिव ये प्रतिमा एशिया में दूसरी सबसे बड़ी प्रतिमाओं में शामिल (Second tallest lord Shiva statue in Churu) है. इस मंदिर का क्षेत्रफल दो​ जिलों को कवर करता है. नेपाल में भोलेनाथ की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित है. कैलाशनाथ महादेव के नाम से बनी इस प्रतिमा की ऊंचाई 144 फीट है.

हजारों की संख्या में आते हैं शिव भक्त : चूरू-झुंझुनूं की सीमा पर स्थित शिव प्रतिमा भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती है. यही कारण है कि सावन मास में अलसुबह से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो जाता है. सोमवार को भक्तों की भीड़ अन्य दिनों से ज्यादा होती है. देर रात तक यहां मेला सा माहौल रहता है. भोलेनाथ के दर्शनों के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ता है. यहां भक्त अपने इष्ट को रिझाने के लिए जलाभिषेक, रूद्राभिषेक व अन्य पूजा-अर्चना के आयोजन करते हैं.

शिया की दूसरी सबसे बड़ी नीलकंठ महादेव की प्रतिमा

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12 ज्योर्तिलिंग व नवग्रह स्थापित : मंदिर परिसर में ही भगवान भोलेनाथ के 12 ज्योर्तिलिंग भी स्थापित किए गए हैं. इसके अलावा नवग्रह भी स्थापित किए गए हैं. प्रतिमा के सामने जल के बीच में ​शिवलिंग स्थापित किया गया है. इसमें रात के समय फव्वारें चार-चांद लगा देते हैं. प्रतिमा का निर्माण महावीर प्रसाद जटिया ने वर्ष 2011 में करवाया था. इसके निर्माण में करीब ढाई साल का समय लगा. आरसीसी से निर्मित प्रतिमा के ऊपर प्रतिकात्मक गंगा की धारा भक्तों को बरबस अपनी ओर खींच लेती है. मान्यता है कि प्रतिमा के आगे मोली बांधने से भगवान भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं.

Last Updated : Aug 11, 2022, 2:49 PM IST

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