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SPECIAL : दुनियाभर में महकता है मरूभूमि की कला का चंदन...चूरू की काष्ठकला देखकर हैरान रह जाएंगे आप - churu wood art is famous across the world

चूरू में चंदन की लकड़ी पर बेहतरीन नक्काशी के लिए यहां के तीन परिवार दुनियाभर में मशहूर हैं. इन कलाकारों के मुरीदों की फेहरिस्त बहुत लंबी है. सात समंदर पर तक इन कलाकारों की कला महकती है. दुनियाभर की हस्तियां इनकी कला से अपना घर सजाना चाहती हैं.

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मरूभूमि की कला का चंदन

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Published : Feb 9, 2021, 8:02 PM IST

चूरू. कहने को तो राजस्थान की धरती रेगिस्तानी है. लेकिन इस मरुधरा में कला की महक सात समंदर पार जाती है. चूरू जिले के काष्ठ कलाकारों के हुनर की मुरीद पुरी दुनिया है. इस फेहरिस्त में स्टील किंग लक्ष्मी मित्तल से लेकर अंबानी तक और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति की पत्नी हिलेरी क्लिंटन का नाम नाम तक शामिल है. देखिये यह विशेष रिपोर्ट...

मरूभूमि की कला का चंदन

चूरू के काष्ठ कलाकार मालचंद जांगिड़ चंदन पर बारीक कलाकारी के लिए जाने जाते हैं. उन्हीं कलाकार की चौथी पीढ़ी तक अब चंदन पर कलाकृतियां उकेर रही है. चूरू के ही दो प्रजापत भाई भी मिट्टी का साजो-सामान बनाने के स्थान पर चंदन पर बारीक नक्काशी करते हैं. चंदन के ये कलाकार विश्व विख्यात हैं.

चूरू के प्रजापति बंधु की कलाकारी भी विश्व विख्यात

जांगिड़ परिवार को विरासत में मिली कला

चंदन के ये चितेरे राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हो चुके हैं. शहर के मशहूर चंदन कलाकार मालचंद जांगिड़ की चौथी पीढ़ी को यह कला विरासत में मिली. इस कला के दम पर इस परिवार ने अपना नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करवा लिया है. काष्ठ कला के दम पर ही इस परिवार ने अब तक 9 राष्ट्रीय पुरुष्कार हासिल किए हैं. चूरू में वर्तमान में तीन परिवार चंदन की लकड़ी पर अपनी कला उकेर रहे हैं.

जांगिड़ परिवार को मिल चुके हैं कई राष्ट्रीय पुरस्कार

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विदेशों में भी कला के मुरीद

चंदन की लकड़ी पर उकेरी गई इन कलाकृतियों के मुरीद देशी ही नहीं बल्कि विदेशी भी हैं. इस कला के चाहने वाले विदेशों और बड़े-बड़े शहरों में ज्यादा हैं. चंदन के ये कलाकार बताते हैं कि वह अब तक देश के बड़े शहरों दिल्ली, मुंबई, जयपुर, उदयपुर, लखनऊ, अहमदाबाद में उनकी कला की एग्जीबिशन लग चुकी है. यहां इनके खरीदार अधिक हैं.

इन कलाकारों की प्रसिद्ध कलाकृतियां

इन कलाकारों ने चंदन की लकड़ी पर देवी देवताओं के साथ ही देश की प्रमुख धरोहरों को भी उकेरा है. वीणा में माँ सरस्वती, तानसेन, नाचते हुए गणेश, अकबर का दरबार, 9 रत्न, गांधी वॉच, लाल किला, इंडिया गेट, मुमताजमहल की कब्र, पणिहारी, महाराणा प्रताप की जीवनी, श्रीकृष्णा लीला को उकेरा गया है.

जांगिड़ परिवार के इन सदस्यों को मिल चुका राष्ट्रीय पुरस्कार

जांगिड़ परिवार को मिले ये पुरस्कार

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प्रजापत बंधु की काष्ठ कला भी विश्व विख्यात

जांगिड़ परिवार के अलावा चूरू में में दो प्रजापत भाई भी चंदन पर बारीक कलाकारी के लिए जाने जाते हैं. जिले के छोटे से गांव मोरथल से निकले रामचन्द्र और उनके भाई रोहितेश प्रजापत दस साल से चंदन पर अपनी कला उकेर रहे हैं. प्रजापत परिवार को यह कला विरासत में नहीं मिली. बावजूद इसके इन भाइयों की चंदन पर उकेरी कलाकृति के भी मुरीद विश्वभर में हैं.

रामचन्द्र प्रजापत बताते हैं कि उद्योगपति मुकेश अंबानी अपनी बेटी निशा की शादी के लिए उनसे चंदन की कलाकृतियां खरीद चुके हैं. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति की पत्नी हिलेरी क्लिंटन, स्टील किंग लक्ष्मी मित्तल और देश विदेश की महान हस्तियां इन कलाकारों की कला की कद्रदान हैं.

कुल मिलाकर चंदन की लकड़ी पर उकेरी गई यह कला बेमिसाल है. चंदन की खुशबू का तो फिर भी एक दायरा होता है. लेकिन चंदन पर उकेरी गई इस कला की महक सात समंदर पार तक जाती है.

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