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चूरू: आजादी का अमृत महोत्सव के क्रम में अहिंसा यात्रा निकाली गई

चूरू में आजादी का अमृत महोत्सव के क्रम में अहिंसा यात्रा का आयोजन किया गया. इस दौरान जिला कलेक्टर ने कहा कि शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए शहीदों के विचारों को जीवन में अंगीकार करने की आवश्यकता है. बता दें कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती वर्ष और स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में 12 मार्च 2021 से 15 अगस्त 2023 तक आयोजित ''आजादी का अमृत महोत्सव" के क्रम में मंगलवार को अहिंसा यात्रा का जिला मुख्यालय पर आयोजन किया गया.

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आजादी का अमृत महोत्सव

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Published : Mar 24, 2021, 3:19 PM IST

चूरू."आजादी का अमृत महोत्सव" के क्रम में मंगलवार शाम को चूरू में अहिंसा यात्रा का आयोजन किया गया. जिसमें मौजूद जिला कलेक्टर ने कहा कि शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए शहीदों के विचारों को जीवन में अंगीकार करने की आवश्यकता है.

आजादी का अमृत महोत्सव
बता दें कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती वर्ष और स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में 12 मार्च 2021 से 15 अगस्त 2023 तक आयोजित ''आजादी का अमृत महोत्सव" के क्रम में मंगलवार को अहिंसा यात्रा का जिला मुख्यालय पर आयोजन किया गया. इस दौरान शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव सिंह की पुण्यतिथि पर चूरू की पुलिस लाइन मैदान से यात्रा रवाना हुई. इस अहिंसा यात्रा को जिला कलेक्टर सांवरमल वर्मा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. वहीं अहिंसा यात्रा में अधिकारी, कर्मचारी, पुलिस के जवान, महिला पुलिस कमांडो, एनसीसी, स्काउट गाइड आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहित नेहरू युवा केंद्र के युवा और आम नागरिकों ने भी भाग लिया.

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इसके साथ ही गांधी प्रतिमा स्थल पर अहिंसा यात्रा पहुंचने के बाद आयोजित व्याख्यानमाला कार्यक्रम में मुख्य वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ चयनिका उनियाल ने शहीद भगत सिंह के व्यक्तित्व, विचार और उनकी प्रासंगिकता पर विस्तृत व्याख्यान देते हुए कहा कि भगत सिंह एक व्यक्ति नहीं अपितु एक विचार है. आज के युवाओं को शहीद भगत सिंह के विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करने की आवश्यकता है.

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वहीं उन्होंने कहा कि क्रांतिकारी भगत सिंह को जानने और समझने के लिए उनके विचारों को जानना जरूरी है, साथ ही उन्होंने कहा कि भगत सिंह की सोच थी कि, क्रांति कभी बंदूकों से नहीं आ सकती बल्कि क्रांति व्यक्ति की सोच वह विचारों से आती है. साथ ही उन्होंने कहा कि भगत सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए हमें किताबों को पढ़ना जरूरी है. कहा कि भगत सिंह की सोच थी कि परिवर्तन के लिए पूरे सिस्टम को बदलना जरूरी है.

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