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स्पेशल स्टोरी: चूरू का राजकीय लॉ कॉलेज है जज वाला कॉलेज, अब तक 42 बच्चे बने आरजेएस - आरजेएस

चूरू में 1992 से लेकर अब तक राजकीय कॉलेज के 42 स्टूडेंट्स का चयन राजस्थान न्यायिक सेवा (आरजेएस) में हो चुका है. यही वजह है कि चूरू अब न्यायिक सेवा की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए हब बन चुका है.

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चूरू के राजकीय कॉलेज से 42 बच्चे बने आरजेएस

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Published : Dec 9, 2019, 11:23 PM IST

चूरू.न्यायिक सेवा की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए चूरू हब बन रहा है. चूरू के राजकीय विधि महाविद्यालय को जज बनाने वाले कॉलेज के नाम से पहचाना जाने लगा है. इसकी बड़ी वजह है कि साल 1992 से लेकर अब तक राजकीय लॉ कॉलेज के 42 स्टूडेंट्स का राजस्थान न्यायिक सेवा (आरजेएस) में चयन हो चुका है.

बता दें कि अब प्रदेश के दूसरे जिलों से भी आरजेएस की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स चूरू आने लगे हैं. साल 2011 से 2018 तक जिले के 26 अभ्यर्थियों का आरजेएस में चयन हो चुका है. इस साल भी जिले से आठ स्टूडेंट्स का आरजेएस में चयन हुआ है जो कि एक रिकॉर्ड है.

इसके पीछे बड़ा कारण है कि लॉ कॉलेज में प्रवेश लेते ही स्टूडेंट्स को इसके लिए प्रेरित किया जाता है. बिना किसी शुल्क के छात्रों को तैयारी करवाई जाती है. अब पिछले साल से अधिकृत रूप से लॉ कॉलेज में आरजेएस की तैयारी करवाई जा रही है.

चूरू के राजकीय कॉलेज से 42 बच्चे बने आरजेएस

अब तक चूरू से बने आरजेएस

नारायण प्रजापत, चंद्रशेखर, दीप्ति स्वामी, रंजना सिहाग, मनीषा शर्मा, शालिनी शर्मा, सीमा ढाका, नीतू रानी, हुक्मीचंद, वंदना शर्मा, रेणुका शर्मा, नीलम सिहाग, धनपत माली, सुनीता यादव, रविकांत, सुरेश कुमार, उषा प्रजापत, अविनाश चांगल, निधि तूनवाल, गीता सहारन, सना खान है. साल 2015 में दिलीप सैनी और बबीता सैनी पति-पत्नी एक साथ आरजेएस बने.

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चूरू आकर पढ़े और आरजेएस बने

बता दें कि कुछ नाम ऐसे भी है जिन्होंने चूरू आकर तैयारी कर आरजेएस बने. इनमें मनीष अग्रवाल, स्वाति पारीक, माधवी गोस्वामी, सोनिया पूर्वा, सुरभि सिंह, सुनीता नसवारिया, अलका, रेखा राठौड़, गजेंद्र राठौड़, कमल किशोर सोनी और चंद्रशेखर है.

2011 से 2018 तक चूरू से चयन

साल 2011 की भर्ती में 7, साल 2013 में 3, साल 2015 में 4, साल 2016 में 2, साल 2017 में और साल 2018 में जिले के 8 अभ्यर्थियों का चयन आरजेएस के लिए हुआ है. छात्रों को शुरू से ही न्यायिक सेवाओं के लिए प्रेरित किया जाता है. छात्रों को महाविधालय में निशुल्क कोचिंग करवाई जाती है. समय समय पर उन्हें मार्गदर्शन दिया जाता है. यहां पर न्यायिक सेवा तैयारी को लेकर कॉलेज कैम्पस में अच्छा माहौल है. साल 1992 से अब तक 42 स्टूडेंट्स का सलेक्शन न्यायिक सेवा में हो चुका है.

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