चूरू. कोरोना से लड़ी जा रही इस जंग में अगर कोई असली हीरो है, तो वह स्वास्थ्य विभाग का वह कर्मचारी और वह स्टाफ, जो अपनी जान की परवाह किए वगैर कोरोना संदिग्धों और पॉजिटिवों के बीच रहकर कोरोना संक्रमित का उपचार कर उसे जल्द स्वस्थ करने में लगा है, ताकि देश पर आई इस विपदा को टाला जा सके. कोरोना कर्मवीर पर आए इस खतरे को कम करने के लिहाज से अब जिला अस्पताल को दो कोरोना टेस्ट बूथ मिले हैं, जिससे बिना सीधे संपर्क में आए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी कोरोना के सैम्पल ले सकेंगे.
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चूरू में कोरोना से लड़ी जा रही इस जंग में स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रसाशन सहित ऐसी कई संस्थाए है, जो इस कोरोना की लड़ाई में अपना अहम रोल अदा कर रही है. देश को कोरोना मुक्त करने की दिशा इन सभी ने दिन-रात एक कर रखा है, लेकिन कोरोना की इस लड़ाई में जो सबसे आगे फ्रंट पर अपनी जान जोखिम में डाल लड़ रहे है, वह है स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी. फिर चाहे वो अस्पताल का बड़े से बड़ा डॉक्टर हो या नर्सिंग स्टाफ या फिर अस्पताल का वार्ड बॉय, ये सभी कोरोना से लड़े जा रहे इस युद्ध में अपना अहम किरदार निभा रहे हैं.
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वहीं इन्हीं कोरोना योद्धाओं को कोरोना पॉजिटिवों के उपचार करते वक्त सबसे ज्यादा संक्रमित होने का खतरा रहता है. स्वास्थ्य विभाग के इन्ही कोरोना योद्धाओं की हिफाजत के लिहाज से जिला अस्पताल को दो कोरोना टेस्टिंग बूथ मिले हैं. जिससे कोरोना संक्रमित के सीधे संपर्क में आए वगैर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी उसका कोरोना जांच के लिए सैम्पल ले सकेंगे. केबिन रूपी इस छोटे से आकार वाले बूथ के अंदर कर्मचारी एकदम सेम्पल देने वाले व्यक्ति के संर्पक में आए बिना उसके कोरोना की जांच के लिए सैम्पल ले सकेंगे.