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नगर परिषद ने हटाया अतिक्रमण, क्षुब्ध होकर युवक ने जहर खाकर दी जान - अतिक्रमण से नाराज युवक ने दी जान

चित्तौड़गढ़ में बुधवार को एक युवक ने अतिक्रमण कार्रवाई से क्षुब्ध होकर ने विषाक्त पदार्थ का सेवन कर अपनी जान दे दी. ऐसे में गुस्साए परिजनों ने चिकित्सालय में हंगामा खड़ा कर दिया. जिसके बाद चिकित्सालय परिसर में पुलिस जाब्ता बढ़ा दिया गया है.

अतिक्रमण से नाराज युवक ने दी जान, youth dies due to encroachment
अतिक्रमण से नाराज युवक ने दी जान

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Published : Oct 28, 2020, 7:35 PM IST

चित्तौड़गढ़. शहर में बुधवार को नगर परिषद की ओर से अतिक्रमण के खिलाफ की गई कार्रवाई से क्षुब्ध होकर एक युवक ने विषाक्त पदार्थ का सेवन कर अपनी जान दे दी. युवक की मौत के बाद परिजनों ने चिकित्सालय में हंगामा खड़ा कर दिया. जिसके बाद चिकित्सालय परिसर में पुलिस जाब्ता बढ़ा दिया गया है.

अतिक्रमण से नाराज युवक ने दी जान

जानकारी के अनुसार शहर में नगर परिषद की ओर से बुधवार दोपहर गांधीनगर क्षेत्र में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई. जहां महेश वाटिका के पीछे नगर परिषद की ओर से अतिक्रमण हटाने के लिए दो जेसीबी लेकर पहुंचे और भारी पुलिस जाब्ता तैनात किया गया. नगर परिषद के आईएएन सुरेंद्र विश्नोई के नेतृत्व में नगर परिषद का अतिक्रमण दस्ता पहुंचा और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की. इस दौरान लोगों ने काफी विरोध-प्रदर्शन किया.

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नगर परिषद ने विरोध की संभावनाओं को देखते हुए पहले से ही कोतवाली पुलिस में इसकी जानकारी दे दी थी. जानकारी के तुरंत बाद कोतवाली थाने के अलावा पुलिस लाइन से जाब्ता मौके पर पहुंचा और विरोध-प्रदर्शन को रोकने की कोशिश की. लोगों की संख्या अधिक होने के कारण पुलिस लाइन से भी अतिरिक्त जाब्ता बुलाया गया. इस दौरान दो जनों ने जेसीबी पर पत्थर फेंकते हुए जेसीबी के कांच तोड़ दिए. जानकारी में आया कि जो अतिक्रमण हटाए गए हैं, वह गरीब परिवार के थे. वहां पर गरीब परिवार के आशियाने थे, जिसके चारों ओर अमीरों के कॉम्पलेक्स बने हुए थे. वहीं, पर एक मंदिर की दीवार भी तोड़ दी गई.

मौके पर पहुंचकर बजरंग दल ने इसका कठोर विरोध किया. जिसके बाद बजरंग दल ने इस ओर एक लिखित शिकायत दी कि यह पुश्तैनी मंदिर है और इसकी दीवारें तोड़कर क्षति ना पहुंचाई जाए. विरोध-प्रदर्शन में कई महिलाएं भी शामिल थी, इसलिए महिला जाब्ता को भी बुलाया गया. वहीं नगर परिषद की ओर से एक निर्माणाधीन मकान ढहाया गया, जो देवराज साहू का था. इस मकान में यह अपनी 70 साल की मां और दो भाइयों के साथ रह रहा था. मकान में बाहर की ओर दीवार और एक कमरा बनाया था.

नगर परिषद की ओर से की गई अतिक्रमण की कार्रवाई से क्षुब्ध होकर देवराज साहू ने विषाक्त का सेवन कर लिया. इसे उपचार के लिए परिजन सांवलियाजी राजकीय सामान्य चिकित्सालय के आईसीयू में भर्ती कराया. कोतवाली थाना पुलिस भी चिकित्सालय पहुंची, लेकिन हालात गंभीर होने से बयान दर्ज नहीं हो पाए. युवक के परिजनों का आरोप है कि नगर परिषद ने बिना कोई नोटिस दिए, इस कार्रवाई को अंजाम दिया है.

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जमीन का मामला भी न्यायालय में विचाराधीन था. इधर, कुछ देर बाद ही युवक ने दम तोड़ दिया. इस पर परिजन विलाप करने लगे. मामले की जानकारी मिलने पर साहू समाज के लोगों के अलावा बजरंग दल के कार्यकर्ता भी चिकित्सालय में पहुंचे. देखते ही देखते आईसीयू के बाहर ही हंगामा शुरू हो गया, जो काफी देर से जारी है. पुलिस ने शव को मोर्चरी में ले जाने का प्रयास किया, लेकिन लोगों ने इसका विरोध कर दिया और समाज के लोग मौके पर ही नगर परिषद के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे.

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