चित्तौड़गढ़.कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते सभी जगह काम बंद हो गए हैं. ऐसे में मजदूर अपने क्षेत्रों के लिए पलायन कर रहे हैं. साथ ही इनमें से कई पुलिस कार्रवाई और मेडिकल जांच से भी बचते दिखाई दे रहे हैं.
ऐसे ही करीब 50 महिलाएं और पुरुष शनिवार को जंगल के रास्ते से शहर में घुसने लगे. इसकी जानकारी मिलने पर सामाजिक संगठन के अलावा पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने एक जगह सभी को एकत्रित कर इन सभी की स्क्रीनिंग कार्रवाई. साथ ही संगठन के माध्यम से इनके भोजन की व्यवस्था की गई है.
पुलिस ने रोक कर कराई स्क्रीनिंग जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ जिले में कई बाहरी मजदूर काफी समय से कार्य कर रहे थे. कोरोना संक्रमण के चलते सभी जगह काम काज बंद हो गए हैं. ऐसे में लोग अपने घरों की ओर पैदल ही पलायन कर रहे हैं. इन लोगों को जगह-जगह पुलिस की ओर से रोका जा रहा है तो साथ ही इनकी मेडिकल जांच भी हो रही है.
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ऐसे में यह लोग इन सबसे परेशान होकर पुलिस कार्रवाई और मेडिकल जांच से बचने का प्रयास भी कर रहे हैं. शनिवार को भी चित्तौड़गढ़ शहर में करीब 50 से अधिक महिलाओं और पुरुषों ने शहर में जंगल के रास्ते से चोरी छिपे घुसने का प्रयास किया था. इसकी जानकारी मिलने पर कोतवाली थाने से एएसआई डाडमचंद मय जाब्ता मौके पर पहुंच गए और इन सभी मजदूरों को पकड़ लिया. इन्हें एक खाली भूखंड में रोका गया और पूछताछ की. इन सभी के भूखे होने की भी जानकारी मिली. इस पर सिविल सोसायटी चितौड़गढ़ के पदाधिकारी सुनील ढीलीवाल को बुलाया गया. इस संगठन के माध्यम से सभी मजदूरों के भोजन की व्यवस्था की गई.
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साथ ही इन सभी मजदूरों को पुराने महिला में बाल चिकित्सालय ले जाया गया. यहां चिकित्सा विभाग से बात कर मेडिकल टीम बुलाई गई, जहां सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग हुई. बाद में इन्हें संस्था के माध्यम से भोजन कराया. कोतवाली पुलिस एवं संस्था के पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर से भी बात की है. यह सभी मजदूर रतलाम जिले के रहने वाले हैं और छिपते छिपाते जंगल के रास्ते अपने जिले में जाने का प्रयास कर रहे थे. इस पर इन्हें बस से रतलाम भेजने का प्रयास किया जा रहा है.