चित्तौड़गढ़. गर्मी का मौसम अभी दूर है लेकिन गत मानसून की बेरुखी के कारण आगामी गर्मी के मौसम में पेयजल संकट की आहट अभी से सुनाई दे रही है. चित्तौड़गढ़ शहर में पेयजल आपूर्ति का प्रमुख स्रोत घोसुंडा बांध है और इसके आस-पास के क्षेत्र में काफी किसानों ने बुवाई की हुई है.
वहीं पानी की कमी के कारण जहां घोसुंडा बांध से पानी लेने वाले उद्योग हिंदुस्तान जिंक पर संकट के बादल हैं. वहीं शहर में पेयजल आपूर्ति करना भी जरूरी है. दूसरी तरफ घोसुंडा बांध के आस-पास के खेतों में सिंचाई करने वाले किसान भी इसी पर आश्रित हैं. सभी को पानी उपलब्ध कराना प्रशासन के लिए टेड़ी खीर साबित हो रहा है. वहीं अब यह मामला राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है.
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इसी मामले को लेकर जहां चित्तौड़गढ़ विधायक ने ग्रामीण क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ सोमवार को जिला कलक्टर से बैठक की है. इसमें शहर के लिए पानी उपलब्ध करवाने की मांग की है. साथ ही किसानों के लिए एक बार सिंचाई के लिए पानी देने का आग्रह किया है. दूसरी तरफ चित्तौड़गढ़ नगर परिषद के कांग्रेसी बोर्ड ने भी जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा है. इसमें घोसुंडा बांध का पानी शहरवासियों के पेयजल के लिए रिजर्व रखने का आग्रह किया है.
जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर घोसुंडा बांध स्थित है, जिसका रख रखाव करने के साथ ही पानी का उपयोग हिंदुस्तान जिंक करता है. वहीं चित्तौड़गढ़ शहर में भी पीने का पानी घोसुंडा बांध से उपलब्ध होता है. घोसुंडा बांध के आस-पास के क्षेत्रों में किसान भी बांध के पानी से सिंचाई करते हैं. अब तक तो कोई बड़ी समस्या पानी को लेकर नहीं आई थी, लेकिन गत वर्ष औसत से भी कम बरसात हुई थी. ऐसे में घोसुंडा बांध आधा भी नहीं भरा था. इस स्थिति में आगामी गर्मी के मौसम को लेकर पीने के पानी को लेकर संकट आएगा, जिसकी आहट अभी से सुनाई दे रही है.
हिंदुस्तान जिंक उद्योग भी पूरी तरह इसी बांध के पानी पर आश्रित है. ऐसे में अगर पानी नहीं मिलता है, तो जिंक प्लांट पर भी बंद होने का संकट हैं. प्रशासन ने बांध के आस-पास के क्षेत्रों में सिंचाई करने वाले किसानों को पानी लेने से रोका है. अब घोसुंडा बांध के पानी के उपयोग को लेकर खींचतान शुरू हो गई है. इस संबंध में तीन दिन पूर्व क्षेत्र के किसानों ने घोसुंडा बांध पर धरना भी दिया और बाद में जिला कलेक्टर को अपनी समस्या बताई थी, लेकिन इसका कोई समाधान नहीं हो पाया था.
इसी मामले को लेकर चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलक्टर से भेंट की है. चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या सहित क्षेत्र के जनप्रतिनिधि पहले चित्तौड़गढ़ पंचायत समिति के कार्यालय में एकत्रित हुए. यहां से जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, जहां समिति कक्ष में बैठक हुई.