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राजनीतिक मुद्दा बना घोसुंडा बांध का पानी...विधायक ने की बैठक, पानी उपलब्ध कराने की मांग - राजनीतिक मुद्दा बना घोसुंडा बांध का पानी

चित्तौड़गढ़ में घोसुंडा बांध का पानी अब धीरे-धीरे राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है. जहां इस मामले में ग्रामीण क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ सोमवार को जिला कलक्टर से बैठक की है. इसमें शहर के लिए पानी उपलब्ध करवाने की मांग की गई.

राजनीतिक मुद्दा बना घोसुंडा बांध का पानी, Water from Ghosunda dam became a political issue
राजनीतिक मुद्दा बना घोसुंडा बांध का पानी

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Published : Dec 29, 2020, 12:02 PM IST

चित्तौड़गढ़. गर्मी का मौसम अभी दूर है लेकिन गत मानसून की बेरुखी के कारण आगामी गर्मी के मौसम में पेयजल संकट की आहट अभी से सुनाई दे रही है. चित्तौड़गढ़ शहर में पेयजल आपूर्ति का प्रमुख स्रोत घोसुंडा बांध है और इसके आस-पास के क्षेत्र में काफी किसानों ने बुवाई की हुई है.

राजनीतिक मुद्दा बना घोसुंडा बांध का पानी

वहीं पानी की कमी के कारण जहां घोसुंडा बांध से पानी लेने वाले उद्योग हिंदुस्तान जिंक पर संकट के बादल हैं. वहीं शहर में पेयजल आपूर्ति करना भी जरूरी है. दूसरी तरफ घोसुंडा बांध के आस-पास के खेतों में सिंचाई करने वाले किसान भी इसी पर आश्रित हैं. सभी को पानी उपलब्ध कराना प्रशासन के लिए टेड़ी खीर साबित हो रहा है. वहीं अब यह मामला राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है.

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इसी मामले को लेकर जहां चित्तौड़गढ़ विधायक ने ग्रामीण क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ सोमवार को जिला कलक्टर से बैठक की है. इसमें शहर के लिए पानी उपलब्ध करवाने की मांग की है. साथ ही किसानों के लिए एक बार सिंचाई के लिए पानी देने का आग्रह किया है. दूसरी तरफ चित्तौड़गढ़ नगर परिषद के कांग्रेसी बोर्ड ने भी जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा है. इसमें घोसुंडा बांध का पानी शहरवासियों के पेयजल के लिए रिजर्व रखने का आग्रह किया है.

जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर घोसुंडा बांध स्थित है, जिसका रख रखाव करने के साथ ही पानी का उपयोग हिंदुस्तान जिंक करता है. वहीं चित्तौड़गढ़ शहर में भी पीने का पानी घोसुंडा बांध से उपलब्ध होता है. घोसुंडा बांध के आस-पास के क्षेत्रों में किसान भी बांध के पानी से सिंचाई करते हैं. अब तक तो कोई बड़ी समस्या पानी को लेकर नहीं आई थी, लेकिन गत वर्ष औसत से भी कम बरसात हुई थी. ऐसे में घोसुंडा बांध आधा भी नहीं भरा था. इस स्थिति में आगामी गर्मी के मौसम को लेकर पीने के पानी को लेकर संकट आएगा, जिसकी आहट अभी से सुनाई दे रही है.

हिंदुस्तान जिंक उद्योग भी पूरी तरह इसी बांध के पानी पर आश्रित है. ऐसे में अगर पानी नहीं मिलता है, तो जिंक प्लांट पर भी बंद होने का संकट हैं. प्रशासन ने बांध के आस-पास के क्षेत्रों में सिंचाई करने वाले किसानों को पानी लेने से रोका है. अब घोसुंडा बांध के पानी के उपयोग को लेकर खींचतान शुरू हो गई है. इस संबंध में तीन दिन पूर्व क्षेत्र के किसानों ने घोसुंडा बांध पर धरना भी दिया और बाद में जिला कलेक्टर को अपनी समस्या बताई थी, लेकिन इसका कोई समाधान नहीं हो पाया था.

इसी मामले को लेकर चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलक्टर से भेंट की है. चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या सहित क्षेत्र के जनप्रतिनिधि पहले चित्तौड़गढ़ पंचायत समिति के कार्यालय में एकत्रित हुए. यहां से जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, जहां समिति कक्ष में बैठक हुई.

इस बैठक में घोसुंडा बांध के पानी के उपयोग के संबंध में चर्चा की गई. मुख्य रूप से पानी को शहरवासियों के पेयजल के लिए रिजर्व रखने के साथ ही एक बार किसानों को सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया. बैठक में जिला कलेक्टर केके शर्मा, विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, भाजपा जिला महामंत्री तेजपाल रेगर, उपाध्यक्ष श्रवणसिंह राव सहित कई सरपंच और उनके प्रतिनिधि मौजूद थे.

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वहीं चित्तौड़गढ़ नगर परिषद सभापति संदीप शर्मा के नेतृत्व में जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर आगामी ग्रीष्म ऋतु में नगरवासियों को पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने की मांग की है. ज्ञापन में बताया कि इस वर्ष चितौड़गढ़ क्षेत्र में औसत से भी कम वर्षा होने के कारण आस-पास के समस्त बांध और जल स्त्रोत खाली पड़े हुए हैं. उनमे पानी की उपलब्धता आवश्यकतानुसार नहीं है.

जलदाय विभाग द्वारा घोसुण्डा बांध के माध्यम से अधिकतर पेयजल सप्लाई किया जाता है, लेकिन इस वर्ष कम बरसात होने से घोसुण्डा बांध मे पानी की आवक बहुत कम रही है, जिससे वर्तमान समय मे पेयजल की उपलब्धता की स्थिति बहुत विकट होती जा रही है. ज्ञापन में शहर में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने के लिए घोसुण्डा डेम के पानी को पेयजल उपलब्ध कराने के पश्चात बचे पानी को अन्य उपयोग के लिए देने की मांग की गई है.

ज्ञापन सौंपने के दौरान सभापति के साथ कांग्रेस पार्षद अमानत अली, सुमन्त सुहालका, विजय चौहान मौजूद रहे. इस संबंध में चित्तौड़गढ़ नगर परिषद सभापति संदीप शर्मा ने बताया कि आगामी गर्मी के मौसम में पेयजल का संकट आने वाला है. ऐसे में हमने जिला कलक्टर से आग्रह किया है कि शहर के आमजन को पेयजल मिले यह सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. घोसुंडा बांध हमारे शहर में पेयजल का सबसे बड़ा स्रोत है. घोसुंडा बांध का पानी पहले पेयजल के लिए रिजर्व किया जाए. शहरी क्षेत्र को पेयजल उपलब्ध होने के बाद पानी बचता है तो उस पानी को अन्य उपयोग में लिया जाए. वहीं विधायक चंद्रभानसिंह आक्या ने बताया कि पानी को लेकर शहर में आने वाली दिक्कत और किसानों ने जो फसलें बोई है, उसका पानी रुकवाने को लेकर प्रशासन लगा हुआ है.

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इस विषय में हमारे जनप्रतिनिधि मंडल की जिला कलक्टर से बात हुई है, अभी जो फसल बोई है, उसे हम रुकवाने की बात कर रहे हैं. लोगों को एक फसल का पानी मिल जाए, उसे लेकर जिला कलेक्टर से आग्रह किया है. जिला कलेक्टर ने कहा है कि पंप कम करके कम से कम एक पानी और मिल सके ऐसा प्रयास करें. वहां प्रशासन का उपयोग करके पम्प हटवा सके. शहर के लोगों को भी पानी मिले इसके लिए किस तरह से व्यवस्था की जा सके इस पर भी हमने बैठ कर बात की है.

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