राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

चित्तौड़गढ़: नवसंवत्सर पर वैदिक विश्वविद्यालय पर विविध आयोजन, सूर्योदय की बेला पर घंटा नाद

चित्तौड़गढ़ के निंबाहेड़ा स्थितश्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के छात्रों ने मंगलवार को नए संवत्सर, सनातन नूतन वर्ष का आरंभ सूर्योदय की बेला पर घंटा नाद, शंख ध्वनि, ध्वज लहराकर और सूर्य नारायण का स्वागत करते हुए नए वर्ष का उत्सव मनाया. इस दौरान लगभग विश्व के अधिकांश देशों में वित्तीय वर्ष और शैक्षणिक वर्ष की गणना विक्रम संवत्सर वर्ष के अनुसार ही निर्धारित किए गए हैं.

Various events organized on Vedic University
नवसंवत्सर पर वैदिक विश्वविद्यालय पर विविध आयोजन

By

Published : Apr 13, 2021, 10:33 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिले केनिंबाहेड़ा स्थित श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के छात्रों ने मंगलवार को नए संवत्सर, सनातन नूतन वर्ष का आरंभ सूर्योदय की बेला पर घंटा नाद, शंख ध्वनि, ध्वज लहराकर और सूर्य नारायण का स्वागत करते हुए नए वर्ष का उत्सव मनाया. इस दौरान श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष और प्रवक्ता डॉ. मृत्युंजय तिवारी ने बताया कि लगभग विश्व के अधिकांश देशों में वित्तीय वर्ष और शैक्षणिक वर्ष की गणना विक्रम संवत्सर वर्ष के अनुसार ही निर्धारित किए गए हैं.

साथ ही उन्होंने कहा कि इन्हीं विशेषताओं के आधार पर भारत वर्ष को विश्व गुरु की उपाधि प्राप्त हुई थी. साथ ही कहा कि हमारे ज्योतिर्विदों ने नक्षत्रों, ग्रहों और राशियों का प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त किया है. उनकी गति, उनके परिभ्रमण और परिक्रमण के मार्ग का अवलोकन कर उनके आधार पर भारतीय कालगणना का सिद्धांत निर्धारित किया. कालांतर में विश्व ने आधुनिक भौतिक विज्ञान के आधार पर उन सिद्धांतों को परखा है और सही पाया है.

पढ़े:चित्तौड़गढ़ कलेक्टर ने राजस्व अधिकारयों की ली बैठक, कोरोना रोकथाम को लेकर दिए निर्देश

चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से सृष्टि की मूल आदि शक्ति जगदंबा की पूजा आराधना प्रारंभ हो जाती है. बसंतीय नवरात्रा का आरंभ इसी दिन होता है. इस तिथि के ठीक नौवें दिन उज्ज्वल चरित्र के स्वरूप और मर्यादा पूरित धर्म के साक्षात अवतार प्रभु श्रीराम का धरा पर अवतरण होता है. भगवान श्री रामचंद्र का सिंहासन आरोहण चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही संपन्न हुआ.

इसके अलावा चक्रवर्ती सम्राट महाराज विक्रमादित्य ने इसी दिन राज्य की स्थापना की. साथ ही इसी दिन विश्व की सर्वश्रेष्ठ कालगणना विक्रम संवत को प्रारंभ किया. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि को है. जिसमें स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना कर कृण्वंतो विश्वमार्यम् का संदेश दिया. सिंध प्रांत के प्रसिद्ध समाज रक्षक वरुणा अवतार भगवान झूलेलाल इसी दिन प्रकट हुए थे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details