कपासन (चित्तौड़गढ़).जिले के कपासन में पिछले 3 माह से लगातार दिन रात एक कर कड़ी मेहनत के साथ अफीम की फसल तैयार करने के बाद गुरुवार को हुई बारिश और तेज हवाओं से अफीम किसानों को रोने के लिए मजबूर कर दिया है. सबसे बड़ी समस्या उन काश्तकारों को हो रही है, जिन्होंने गुरुवार दोपहर में अफीम के डोडे में चीरा लगाया और बिन मौसम बरसात के चलते अफीम के डोडे पर चीरा लगाने के बाद निकलने वाला दूध धुलकर जमीन पर गिर गया. वहीं तेज हवाओं से पूरी फसल जमीन पर बिछौना हो गई है.
किसानो का कहना है कि पहले ही डोडा चुरा की खरीद नहीं होने से हम परेशान है, अब मौसम ने भी हमें बर्बादी के कगार पर ला दिया है. मौसम परिवर्तन से उत्पादन में भी भारी गिरावट आयेगी. जिससे अफीम काश्तकारों को विभागीय नियमों के अनुसार रकबा पूर्ति के लिए समस्या खड़ी हो सकती है. क्योंकि बारिश के पानी की बूंदों से जहां अफीम के दूध में पानी की मात्रा बढ़ेगी, वहीं उच्च क्वालिटी की अफीम संग्रहण में समस्या आएगी. जिसके चलते अफीम लाइसेंस कटने की संभावनाएं भी बढ़ जाती है.
जयपुर में मौसम ने बदली रंगत
जयपुर में मौसम में आए बदलाव से जयपुर के रेनवाल सहित क्षेत्र में शुक्रवार को हवाओं ने मौसम की रंगत बदल दी है. सुबह अचानक मौसम में बदलाव आया और देखते ही देखते तेज हवाओं के साथ तुफानी बारिश होने लगी. झमाझम बारिश के साथ करीब 5 मिनट तक चने के आकार के ओले गिरे भी गिरे, जिससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है.
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वहीं अचानक आई विपदा से किसानों की आह निकल आई. वहीं बारिश से जगह जगह आम रास्तों में पानी भर गया. तुफानी बारिश से खेतों में फसले पसर गई और ओलों से सरसों और गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है. वहीं दिनभर रूक-रूक कर बारिश होती रही.