चित्तौड़गढ़/जोधपुर.चुनावी साल में 19 नए जिलों और 3 नए संभागों का ऐलान कर कांग्रेस गदगद है. तो दूसरी ओर विपक्ष इन घोषणाओं के मायने निकाल समझाने की कोशिश में है कि फायदा कुछ नहीं होने वाला. कुछ ऐसे ही विचार केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के हैं. जो आज जौहर श्रद्धांजलि समारोह में शामिल होने पहुंचे थे. मीडिया से मुखातिब हुए तो इतिहास याद दिला दिया.
घोषणा होगी फुस्स-केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भविष्यवाणी की कि घोषणा पिछली बार की तरह ही फुस्स साबित होगी. उन्होंने 2013 की बात की. कहा- वर्ष 2013 में भी सरकार ने इसी प्रकार का मास्टर स्ट्रोक खेला था जो फुस्स होकर रह गया और भाजपा 163 सीटें लेकर आई. यह घोषणाएं जमीनी धरातल पर शायद ही उतर पाए क्योंकि सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर राम लुभाया कमिटी का कार्यकाल बढ़ाया था. 8 दिन बाद ही इस प्रकार की घोषणाओं का क्या हश्र होगा , सोचा जा सकता है?
खुद को टारगेट करने का बताया कारण- खुद को टारगेटेड बताने की कोशिश शेखावत ने की. कहा कि वह लाखों लोगों की पीड़ा को सरकार के समक्ष रखते है, जनता की पीड़ा को बार-बार उठाते हैं जबकि मुख्यमंत्री गहलोत का संघर्ष केवल अपने बेटे की हार के अपमान का बदला लेने का संघर्ष है. इसी कारण वह मुझे बार-बार निशाने पर लेते हैं. 3 साल तक उनके हर आरोप को सहन करता रहा परंतु जब उन्होंने मेरी दिवंगत माता के बारे में टिप्पणी की तो मामला न्यायालय में पहुंचा जिसका मुख्यमंत्री गहलोत को जवाब देना होगा.
योजनाओं को बनाया फुटबॉल- शेखावत ने सीएम पर विभिन्न योजनाओं के दोहन का आरोप लगाया. बोले- मुख्यमंत्री केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस प्रकार के हथकंडे अपनाते हैं. चाहें आयुष्मान भारत का मामला हो या प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, राज्य सरकार ने इन योजनाओं को फुटबॉल ही बनाया है. प्रधानमंत्री सम्मान निधि की 9 महीने तक किसानों को किस्तें नहीं मिल पाई, इसके लिए मुख्यमंत्री ही जिम्मेदार है.
ERCP पर घेरा-ERCP को टूल की तरह इस्तेमाल करने का आरोप शेखावत ने सीएम पर लगाया. कहा- मुख्यमंत्री ईआरसीपी को एक राजनीतिक फुटबॉल बनाकर वोट हासिल करना चाहते हैं. नियम कायदे के तहत काम करने पर ERCP पर काम हो सकता है लेकिन सरकार की नियम कायदों से परे जाकर केवल राजनीतिक फायदे के लिए काम करने की आदत बन चुकी है. उन्होंने चुनौती दी कि वह इसके लिए खुले मंच पर आने को तैयार है. मुख्यमंत्री और उनके अधिकारी उनके सामने आये, वे उनके हर सवाल का जवाब देने को तैयार है.