चित्तौड़गढ़.रेलवे में गार्ड के रूप में कार्यरत रामजीलाल, जो प्रतापनगर में प्रेम प्रकाश पालीवाल के मकान में किराए से रहते हैं. रामजीलाल का करीब 11 साल का बेटा दिवांशु कक्षा चार में पढ़ता था. शनिवार दोपहर दिवांशु को अकेले खेलने के लिए छोड़, माता-पिता दूसरे कमरे में सो गए.
बता दें कि घटना दोपहर 12 से 2 बजे के बीच की है. उसी दौरान बच्चा दिवांशु अन्य कमरे में खेल रहा था. यहां उसने पास में ही पड़े दुपट्टे को कपड़े लटकाने के हैंगर में दिवांशु ने पलंग पर चढ़कर बांध दिया. इससे पहले दिवांशु ने अपने पांव को बांधा और पास में ही रखे कपड़े से मुंह को भी लपेट लिया. फिर हैंगर से लटके रस्सी को फंदा बनाकर अपने गले में डाल दिया.
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संभवत: इस दौरान वह असंतुलित होकर पलंग से गिर गया, जिससे गले में फांसी का फंदा लग गया. दोपहर करीब ढाई बजे जब दिवांशु के माता-पिता जगे और दूसरे कमरे में पहुंचे तो अंदर का नजारा देखते ही उनकी होश उड़ गए और चीख निकल गई. चारों ओर खिलौने और कपड़े बिखरे हुए थे. दिवांशु के पांव और मुंह बांधा हुआ था और वहीं, वह फंदे पर झूल रहा था.