चित्तौड़गढ़. जिले में प्रख्यात कृष्णधाम श्री सांवलियाजी मंदिर की आय में कोरोना काल के चलते काफी आय प्रभावित हुई है. मंदिर में आने वाले चढ़ावे के अलावा मंदिर की धर्मशालाओं, गेस्ट हाउस और दुकानों से करीब डेढ़ करोड़ की आय होती है. लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण मंदिर की अन्य आय के स्रोत गति नहीं पकड़ पाए हैं.
ऐसे में सांवलियाजी मंदिर में प्रति माह लाखों रुपए की आय प्रभावित हो गई है. मंदिर प्रशासन को आस है कि जल्दी कोरोना पर पूरी तरह से नियंत्रण होगा और श्रद्धालु सामान्य दिनों की तरह मंदिर की धर्मशालाओं और गेस्ट हाऊस में ठहराव करेंगे. जिससे कि मंदिर की आय पुनः बढ़ेगी. जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमण के कारण श्री सांवलियाजी मंदिर भी बुरी तरह प्रभावित रहा है. जनता कर्फ्यू के साथ ही 22 मार्च से ही श्री सांवलियाजी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बन्द हो गया था. करीब चार माह से ज्यादा समय तक मंदिर श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह बन्द रहा था.
प्रतिमाह औसत 3 करोड़ चढ़ावा आता है भंडार से
श्री सांवलियाजी मंदिर में प्रत्येक माह औसत 3 करोड रुपए तो भंडार से ही चढ़ावा आता है. जो पूरी तरह से बंद हो गया था. जानकारी में सामने आया है कि श्री सांवलियाजी मंदिर के करीब एक दर्जन धर्मशालाएं व गेस्ट हाउस के अलावा दुकानें भी हैं. जिनसे सालाना औसत आय डेढ़ करोड़ रुपए है. धर्मशाला में गेस्ट हाउस भी 22 मार्च के साथ ही बंद हो गए। ऐसे में धर्मशाला एवं गेस्ट हाउस से होने वाली आय भी प्रभावित हुई. राज्य सरकार के आदेश थे कि प्रदेश के बड़े मंदिरों को नहीं खोला जाए तथा इनकी धर्मशालाएं में गेस्ट हाउस भी बंद रखे जाएं.
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मंदिर खुला, बंद रहीं धर्मशालाएं
ज्य सरकार के आदेशों की पालना में करीब 4-5 माह मंदिर खुला ना ही धर्मशालाएं खोली गई थी. राज्य सरकार के आदेश के बाद में मंदिर में दर्शन तो शुरू हो गए लेकिन धर्मशालाएं वह गेस्ट हाउस को भी बंद रखने के आदेश थे. ऐसे में करीब 8 माह तक धर्मशालाएं व गेस्ट हाउस बन्द रहे. गत माह 15 नवंबर से से पुनः गेस्ट हाउस व धर्मशाला खोला गया था. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते लोग डरे हुए हैं. श्रद्धालु मंदिर दर्शन करने आ रहे हैं लेकिन होटल, धर्मशाला व गेस्ट हाउस में रुकने वालों की संख्या में भारी कमी है. श्रद्धालुओं का ठहराव नहीं हो पा रहा है. जो भी श्रद्धालु आते हैं वह दर्शन करके चले जाते हैं. ऐसे में आगामी दिनों में भी मंदिर की धर्मशाला, गेस्ट हाउस में श्रद्धालुओं के ठहराव की संभावना नहीं के बराबर है.
जिला मुख्यालय व निम्बाहेड़ा में भी गेस्ट हाउस