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सैनिकों की सहायता के लिए जागरूकता फैलाने निकले धावक पहुंचे चितौड़गढ़ - Runners reached Chittorgarh

युद्ध में दिव्यांग हुए सैनिकों की सहायता और लोगों को उनके प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से निकले दो धावक बुधवार को चितौड़गढ़ पहुंचे. दोनों धावकों ने बताया कि उनकी संस्था का उद्देश्य सैनिकों को सम्मान दिलाना और दिव्यांग सैनिकों के लिए अधिक से अधिक फंड जुटाना है.

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धावक पहुंचे चितौड़गढ़

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Published : Jan 1, 2020, 7:19 PM IST

चितौड़गढ़. युद्ध में दिव्यांग हुए सैनिकों की सहायता और लोगों को उनके प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से निकले दो धावक बुधवार को चितौड़गढ़ पहुंचे. जिनका शहरवासियों ने भव्य स्वागत किया है. दोनों धावकों ने बताया कि उनका मुख्य उद्देश्य सैनिकों को सम्मान दिलाना और दिव्यांग सैनिकों के लिए अधिक से अधिक फंड जुटाना है.

सैनिकों की सहायता के लिए जागरूकता फैलाने निकले धावक पहुंचे चितौड़गढ़

जानकारी के अनुसार ट्यून मेरी टेक्निकल इंस्टीट्यूट पुणे के तत्वाधान में दिव्यांग सैनिकों के सहयोग के लिए दो धावक मुम्बई से रन पर निकले हैं, जो दिल्ली तक करीब 1500 किलोमीटर का रन करेंगे. मुंबई से दिल्ली तक दौड़ लगाने वाले दो धावक मुंबई निवासी 60 वर्षीय कुमार अजवानी और हिमाचल प्रदेश निवासी सुनील शर्मा शहर पहुंचे है.

इनका कलक्ट्रेट चौराहे पर अधिवक्ता नरेन्द्रसिंह पंवार, बजरंग दल पूर्व जिला संयोजक मुकेश नाहटा, स्थानीय धावक पृथ्वीराज खटीक, श्यामदास बैरागी आदि ने स्वागत किया. कुमार अजवानी और सुनील शर्मा ने बताया कि युद्ध में जो सैनिक अपने शरीर का कोई अंग गंवा दिया है या जो एक पैर एक हाथ से विकलांग हो जाते हैं, ऐसे सैनिकों के लिए उनकी संस्था एमटीआई ट्रेनिंग के जरिए रोजगार का साधन उपलब्ध करवाती है.

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सैनिक कल्याण ट्रस्ट के प्रति और सैनिकों के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाने के लिए 15 दिसंबर मुंबई गोरेगांव से उन्होंने दौड़ प्रारंभ की है. 60 वर्षीय कुमार अजवानी और 30 वर्षीय सुनील कुमार प्रतिदिन 50 से 60 किलोमीटर दौड़ लगा रहे हैं. अब तक दोनों 890 किलोमीटर दौड़ पूरी कर चुके हैं. वहीं चितौड़गढ़ पहुंचने पर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया और उनको आगे के लिए रवाना किया है.

दोनों धावक का कहना है कि सैनिक कल्याण कोष के प्रति लोगों में जागरूकता है और जो देश के लिए लड़े और दिव्यांग हुए उनका जीवन और उनके परिवार का जीवन यापन सही तरीके से हो इसके लिए वे लोगों को जागरूक करने निकले हैं. वहीं वे दिल्ली में अपना सफर समाप्त करेंगे. वहीं जगह-जगह एनसीसी कैडेट उनका स्वागत कर रहे हैं.

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