चित्तौड़गढ़. केंद्रीय बजट को लेकर समाज के हर तबके को बेसब्री से इंतजार था, लेकिन कांग्रेस और भाजपा को छोड़ दें तो इस बजट से महिला वर्ग भी खुश नहीं दिखता. ईटीवी भारत ने बजट आने के बाद चित्तौड़गढ़ में राजनेताओं से लेकर व्यापारी, व्यवसाय और महिलाओं से बातचीत की तो भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर आम लोगों में निराशा ही नजर आई. भाजपा ने जहां बजट को आमजन के हित में बताया है. वहीं कांग्रेस ने महंगाई के इस दौर में लोगों की कमर तोड़ने वाला करार दिया. आधी आबादी भी रसोई का बजट और भी बिगड़ने से आशंकित नजर आई.
बजट को लेकर क्या बोले लोग चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने बजट की सराहना करते हुए कहा कि किसान व्यापारी सहित समाज के हर वर्ग के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क पर खासा फोकस रखा गया है. निश्चित ही यह विकास का आधारभूत ढांचा विकसित करने वाला बजट है और इसका फायदा आने वाले दिनों में नजर आएगा.
पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता सुरेंद्र सिंह जाड़ावत की नजर में यह बजट आम जनता के लिए निराशाजनक कहा जा सकता है. गरीब, मध्यम और आमजन के लिए सरकार द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया है. रसोई गैस का मामला हो या फिर पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों पर अंकुश लगाए जाने की उम्मीद थी, जो धरी की धरी रह गई. उल्टा पेट्रोलियम पदार्थों पर और भी टैक्स लगाने का प्रावधान किया गया है, इससे महंगाई और भी बढ़ेगी. रसोई गैस की सब्सिडी खत्म कर दी गई है. इस कारण लोग फिर से चूल्हे चौकी पर आते दिख रहे हैं.
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साथ ही कहा कि राज्य की आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वैट की दरें कम की और जनता को राहत प्रदान की, लेकिन केंद्र सरकार ने उल्टा इसे और बढ़ाने का काम किया है.
चार्टर्ड अकाउंटेंट नगर परिषद के पूर्व सभापति सुशील शर्मा के अनुसार कोरोना महामारी के चलते अर्थव्यवस्था बे पटरी हो गई थी, लेकिन यह बजट हमारी अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने में सहायक साबित होगा. जिस प्रकार से स्वास्थ्य और शिक्षा का बजट बढ़ाया गया है, निश्चित है कि हम दुनिया के अन्य देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर सकेंगे. सीमा पर चीन की हरकतों को देखते हुए रक्षा बजट में अप्रत्याशित बढ़ोतरी सामरिक दृष्टि से हमें और मजबूत करने वाली होगी.
ग्रहणी पिंकू कवर बजट को लेकर पूरी तरह से निराश नजर आईं. उनका कहना था कि आमजन के लिए इसमें कोई भी प्रावधान नहीं किए गए और लगता है कि आम जनता महंगाई के पाटे में पिसती ही रहेगी. कोरोना के नाम पर रसोई गैस सब्सिडी बंद कर दी गई तो पेट्रोलियम पदार्थों पर भी कोई राहत नहीं दी गई. इससे रसोई का बजट और भी बिगड़ सकता है.
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नगर परिषद सभापति संदीप शर्मा ने इसे तमिलनाडु और पश्चिमी बंगाल के चुनावों से जोड़ते हुए कहा कि यह इन दोनों ही स्टेट में होने वाले विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत बनाया गया बजट है. बिहार चुनाव से पहले भी इसी प्रकार का बजट पेश किया गया था, लेकिन वह धरातल पर नहीं उतर पाया और उसी प्रकार पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में भी इस बजट का हश्र होगा. कोरोना को देखते हुए युवाओं और प्रभावित लोगों के रोजगार तथा पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में कमी की उम्मीद थी, लेकिन बजट में किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी गई.
ग्रहणी राधा बसवाल बजट को लेकर खासी नाराज दिखाई दी. उनका कहना था कि महंगाई के इस दौर में रसोई का बजट पहले से ही अनबैलेंस चल रहा था. केंद्रीय वित्त मंत्री जो कि एक महिला हैं, ऐसे में महिलाओं के दर्द को ध्यान में रखते हुए विशेष प्रावधान की उम्मीद थी. जिस प्रकार से पेट्रोलियम पदार्थों पर और भी टैक्स लगाने की बात सामने आ रही है, उससे उल्टा महंगाई की मार और भी बढ़ेगी. इससे निश्चित ही हमारी परेशानी और भी बढ़ने वाली है.