चित्तौडगढ़. डालमिया भारत सीमेंट प्रा.लि. द्वारा सतखंडा, रावलिया, भोपाली, सिंदवड़ी सहित विभिन्न गांवों में प्रस्तावित चूना पत्थर की 474.5 हेक्टेयर खदान के खनन के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु जनसुनवाई का आयोजन राजस्व ग्राम चरलिया में किया गया. इस जनसुनवाई को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं.
चित्तौड़गढ़ में सीमेंट खनन के लिए की जनसुनवाई हालांकि रोजगार, भूमि अवाप्ति और पर्यावरण प्रदूषण को लेकर लोगों ने पुरजोर तरीके से विरोध के स्वर मुखर किए. वहीं कई अन्य मुद्दों पर भी लोगों ने अपनी आपत्तियां प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष दर्ज कराई. इस पूरी जन सुनवाई के दौरान बड़ी बात यह रही कि पुलिस प्रशासन अपने रवैये से जन सुनवाई को सफल करने की कवायद करता दिखाई दिया.
शुरूआत से ही जन सुनवाई में प्रबंधन द्वारा रोजगार, विकास और भूमि की अवाप्ति और मुआवजे को लेकर जानकारी दी गई. पर्यावरणीय जन सुनवाई में ज्यादातर मुद्दे रोजगार और नौकरियों को लेकर उठे. जन सुनवाई में लगे माइक में आवाज नहीं आने को लेकर भी आक्रोश देखने को मिला. जन सुनवाई के दौरान कई बार हालात ये बनें कि पुलिस के अधिकारी लोगों को समझाईश करते दिखाई दिए.
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इस दौरान डालमिया सीमेंट प्रबंधन के लोग भी जनसुनवाई में मौजूद रहे. इस दौरान लोगों को माइक पर बोलने से रोका गया और धक्का-मुक्की तक की गई. प्रबंधन ने विरोध में बोल रहे लोगों को रोकने का परदे के पीछे से पूरा प्रयास किया. डालमिया सीमेंट द्वारा आयोजित जन सुनवाई में कतिपय लोगों द्वारा स्थानीय ग्रामीणों और जिले के लोगों के अतिरिक्त अन्य लोगों को बोलने से रोका गया, लेकिन थोड़ी देर बाद माहौल ठीक हो गया. जन सुनवाई के दौरान एक पुलिस उप अधीक्षक, दो थानाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में जाप्ते को तैनात किया गया था.