जयपुर/ चित्तौड़गढ़.राजस्थान में आज सबसे बड़ी प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन हुआ. जिसमें 25 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए. कई ऐसे अभ्यर्थी भी परीक्षा देने पहुंचे, जो सजायाफ्ता थे. जयपुर के चाकसू और चित्तौड़गढ़ के निंबाहेड़ा में ऐसे कैदी परीक्षा देते नजर आए.
चाकसू में हथकड़ी लगे दो कैदी पहुंचे परीक्षा देने
चाकसू में रुक्मणी देवी कॉलेज और मानव पीजी महाविद्यालय में रीट परीक्षा सेंटर पर हाथों में हथकड़ी लगे 2 युवकों ने परीक्षा में भाग लिया. दोनों युवकों को न्यायालय की अनुमति से परीक्षा दिलवाने के लिए पुलिस चाकसू लेकर पहुंची थी. दोनों का अलग-अलग कॉलेजों में परीक्षा सेंटर आया था. चाकसू पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अभ्यर्थी सुनील बलाई पर पेपर लीक का आरोप है जो पुलिस हिरासत में चल रहा है, जबकि दूसरा अमरचंद हत्या के मुकदमे में अजमेर सेंटर जेल का कैदी बताया गया. दोनों ने रीट परीक्षा दी है.
पढ़ें: आंखों से 75 फीसदी तक निशक्त युवती को रीट परीक्षा में नहीं दिया अतिरिक्त समय, वीक्षक ने छीन ली उत्तर पुस्तिका
निंबाहेड़ा में भी बंदी पहुंचा रीट परीक्षा देने
चित्तौड़गढ़ जिले के निम्बाहेड़ा उपखण्ड क्षेत्र में स्थित मांगरोल के परीक्षा केंद्र पर उदयपुर सेंट्रल जेल में बन्द एक बन्दी ने रीट की परीक्षा दी. बंदी उदयपुर जेल में एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. इसे कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच निम्बाहेड़ा लाया गया था. इस दौरान निम्बाहेड़ा पुलिस थाने का जाप्ता भी तैनात रहा. परीक्षा समाप्त होने के बाद बन्दी को पुनः उदयपुर ले जाया गया है.
जानकारी में सामने आया कि निम्बाहेड़ा के मांगरोल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के परीक्षा केंद्र पर भी रीट परीक्षा के सेंटर था. यहां रविवार को आयोजित हुई रीट परीक्षा में उदयपुर जेल में हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे डूंगरपुर निवासी कल्पेश पुत्र मांगीलाल मनाथ ने परीक्षा दी. कल्पेश को उदयपुर से दो सशस्त्र हेड कांस्टेबल व दो कांस्टेबल की सुरक्षा में परीक्षा देने के लिए समय से पूर्व मांगरोल लाया गया.
इधर, बन्दी के परीक्षा देने आने की सूचना पर पुलिस अधीक्षक ने सदर थाने के एएसआई सूरजकुमार, हेड कांस्टेबल सुंदर, कांस्टेबल सुनील व महिला कांस्टेबल स्नेहलता की टीम को भी इस परीक्षा केन्द्र पर तैनात किया गया. परीक्षा के उपरान्त कल्पेश को परीक्षा समाप्त होने के बाद पूरी सुरक्षा के साथ बाहर लाया गया. उसके सुरक्षित पुलिस वाहन में बैठने व रवाना होने के बाद ही अन्य परीक्षार्थियों को बाहर निकाला गया.