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Published : Nov 14, 2021, 4:42 PM IST

Updated : Nov 14, 2021, 9:01 PM IST

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Police Search in Chittorgarh jail: दो महीनों में अबतक 22 मोबाइल और गांजा बरामद... 6 FIR दर्ज

चित्तौड़गढ़ जिला कारागृह में पिछले दो महीनों से पुलिस की सघन तलाशी जारी है. पुलिस को अबतक जेल से 22 मोबाइल और गांजा बरामद हुआ है. साथ ही पुलिस ने 6 एफआईआर भी दर्ज करवाई है.

police Search in Chittorgarh jail
चित्तौडगढ़ जिला कारागृह में पुलिस का सघन तलाशी अभियान

चित्तौड़गढ़. जिला कारागृह इन दिनों चर्चा में है. चार दिन पूर्व दो मोबाइल और जर्दे का पैकेट पार्सल कर जेल में फेंका गया था. इस संबंध में जेल प्रशासन की ओर से कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है. वहीं गत दो महीनों से पुलिस का जेल में सघन तलाशी अभियान भी जारी है.

पुलिस की ओर से जिला कारागृह में चप्पे-चप्पे की छानबीन की गई. अबतक 22 मोबाइल और गांजा बरामद किया गया है. ऐसे में जेल में अबतक प्रतिबंधित वस्तुएं पकड़े जाने पर 6 प्रकरण दर्ज हुए हैं. दर्ज प्रकरणों की जांच कोतवाली थाना पुलिस कर रही है. वहीं जेल प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को भी पुख्ता किया है.

चित्तौड़गढ़ जिला कारागृह में पुलिस का सर्च अभियान

जानकारी में सामने आया कि जेल मुख्यालय के आदेश पर चित्तौड़गढ़ जिला कारागृह में गत 5 अक्टूबर से ही लगातार तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. समय-समय पर जेल प्रशासन ही विभिन्न बैरक की तलाशी करवा रहा है. इसमें अलग-अलग समय में जेल से 22 मोबाइल पकड़े गए साथ ही एक बार जेल परिसर से गांजा भी पकड़ा गया. इसकी जांच कोतवाली थाना पुलिस कर रही है. अलग-अलग समय में जर्दा भी पकड़ा गया. वैसे तो यह सभी सामग्री पहले से ही प्रतिबन्धित है लेकिन कई बार चोरी छिपे इस तरह की वस्तुएं जेल में लाई जाती है.

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ऐसे में चित्तौड़गढ़ जेल को पूरी तरह से व्यसन मुक्त करने को लेकर प्रयास हो रहा है. जेल उप अधीक्षक योगेश तेजी ने बताया कि जेल में प्रतिबंधित वस्तुएं मिलने के संबंध में कोतवाली थाने में अब तक छह प्रकरण दर्ज करवाए हैं. जेल में सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त कर बंदियों की सुविधाओं का भी ध्यान रखा जा रहा है.

नशे मुक्ति के लिए मनोचिकित्सक की सेवाएं

जानकारी में सामने आया कि जेल में लंबे समय से चिकित्सक की स्थायी नियुक्ति नहीं थी. इस संबंध में जेल प्रशासन की ओर से लगातार मांग की जा रही थी. इस पर न्यायालय के निर्देश के बाद जेल की डिस्पेंसरी में स्थायी चिकित्सक के रूप में डॉ. आशीष सरूपरिया की नियुक्ति की गई. जेल में बड़ी संख्या में नशे के आदी कैदी बंद हैं. इसे लेकर सप्ताह में एक दिन नशे के आदि बंदियों को मनोचिकित्सक की सेवाएं भी दी जा रही हैं

कारागृह में सुरक्षा-व्यवस्था और कैमरों की संख्या बढ़ाई

जेल उप अधीक्षक ने बताया कि सख्ती के बावजूद जेल में किसी न किसी तरह से प्रतिबंधित वस्तुएं मिल रही हैं. ऐसे में जेल की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया गया है. पार्सल फेंके जाने के बाद बाहरी दीवार के अलावा भीतर भी एक-एक जेल प्रहरी की गश्त बढ़ाई है. यहां सीसी टीवी कैमरे पहले से ही है लेकिन जेल की दीवार और बैरक के बीच खाली जगह में निगरानी के लिए अलग से कैमरे लगाए हैं. इससे कि कोई पार्सल फेंक भी दे तो उसे उठाने कौनसा बंदी आए उसकी पहचान हो सके.

पूरी तरह ऑनलाइन हुई जेल की कैंटीन

जेल प्रशासन की ओर से मुख्यालय के निर्देश पर कैंटीन व्यवस्था में सुधार करते हुए इसे पूरी तरह से ऑनलाइन किया गया है. इसमें जेल में कैदियों के परिजन जेल की साइट पर जाकर रुपए जमा करवा सकते हैं. इसी राशि से जेल में कैदी कैंटीन पर अंगूठा लगाकर जो भी सामग्री चाहिए वो खरीद सकते हैं. बंदियों को और सुविधाएं मिल सके, इसे लेकर जिला जेल को सहकारिता उपभोक्ता भंडार से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं.

Last Updated : Nov 14, 2021, 9:01 PM IST

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