चित्तौड़गढ़. जिले के विभिन्न थानों में और जेल में बंद बंदियों की कोरोना जांच पुलिस के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है. घंटों इंतजार के बाद बंदियों की कोरोना जांच हो रही है. कुछ को तो दूसरे दिन फिर से जांच के लिए लाना पड़ रहा है. खुले परिसर में टीन शेड के नीचे घंटों पुलिस गंभीर अपराधों में लिप्त बदमाशों को लेकर बैठी रहती है. इससे बंदियों के भागने का खतरा बना हुआ है.
जानकारी के अनुसार, जिला मुख्यालय पर निम्बाहेड़ा मार्ग स्थित सीताफल अनुसंधान केन्द्र में अस्थाई रूप से बनाए गए कोविड अस्पताल का संचालन किया जा रहा है. जहां कोरोना पॉजिटिव रोगी और जांच रिपोर्ट के लिए आने वाले लोगों के लिए आइसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है. कोरोना जांच के लिए सैंपलिंग भी यहीं होती है. कोविड हॉस्पिटल में सैंपल लेने में होने वाली देरी के चलते यहां लाए जाने वाले बंदियों की सुरक्षा बड़ी परेशानी बनी हुई है. पुलिसकर्मी बंदियों को एक टीन शेड के नीचे लेकर जांच के लिए इंतजार करते हैं.
कुछ ऐसा ही नजारा मंगलवार को भी देखने को मिला, जब पुलिस और जेल के प्रहरी बंदियों को लेकर सुबह 10.30 बजे केंद्र पर पहुंच गए, लेकिन डेढ़ बजे तक उनकी सैंपलिंग नहीं हो पाई. यहां लाए जाने वाले बंदी और विभिन्न मामले में पकड़े गए आरोपियों के भागने का डर पुलिसकर्मियों में बना हुआ है. गौरतलब है कि करीब एक माह पूर्व में नारकोटिक्स विभाग की ओर से अफीम तस्करी में पकड़ा गया आरोपी जिला चिकित्सालय के आईसोलेशन वार्ड से भाग गया था, जो आज तक पकड़ में नहीं आया है. ऐसे में खुले क्षेत्र में इंतजार के दौरान बंदियों के भागने का खतरा रहता है.