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लोकसभा में भी गूंजा फोन टैपिंग का मुद्दा, चित्तौड़गढ़ सांसद बोले- CM गहलोत को दे देना चाहिए पद से इस्तीफा

चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने मंगलवार को लोकसभा में फोन टैपिंग क मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार फोन टेलीग्राम अधिनियम 1885 की धारा 5 के तहत नियमों से परे चलकर फोन टैपिंग करवाए गए, जो कि बिना किसी प्राधिकृत अधिकारी के आदेश नहीं किया जा सकता. उन्होंने सीएम गहलोत का इस्तीफा तक मांग डाला.

phone tapping issue also raised in lok sabha
लोकसभा में भी गूंजा फोन टैपिंग का मुद्दा

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Published : Mar 17, 2021, 10:50 AM IST

चित्तौड़गढ़.भाजपा सांसद सीपी जोशी ने लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेते हुए शुन्यकाल के दौरान राजस्थान सरकार की ओर से अनैतिक तरीके से फोन टैपिंग के मामले को लोकसभा में उठाया. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार में मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार फोन टेलिग्राम अधिनियम 1885 की धारा-5 के फोन नियमों से परे चल कर बिना फोन टैपिंग प्राधिकृत अधिकारी के आदेश से, वह भी तब जब देश में ना तो आपातकाल की स्थिति है और ना ही राज्य या देश की सुरक्षा को किसी प्रकार का खतरा है. फिर भी सरकार ने विधायकों एवं विपक्षी नेताओं के फोन टैप कराया.

पढ़ें :फोन टैपिंग मामला : स्पीकर से वार्ता के बाद निकला हल...अब सदन में होगी चर्चा, सरकार देगी जवाब

सांसद जोशी ने कहा कि संविधान के नियमानुसार तो कोई व्यक्ति यदि कपट पूर्ण तरिके से संदेश को रिकॉर्ड करता है या उसको नष्ट करता है या किसी से लेता एवं किसी को देता तो उसके विरूद्ध दो साल की सजा तक का प्रावधान है. पूर्व में राजस्थान के मुख्यमंत्री ने यह कहा था कि यदि फोन टैपिंग की बात सच होती है तो वो मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे देंगे. लेकिन सदन में यह बात सच साबित हुई कि प्रदेश की सरकार के मुखिया के निर्देशों से उच्च अधिकारीयों के कहने पर फोन टैपिंग की गई थी.

इसलिए मुख्यमंत्री को अपने कथनानुसार इस अनैतिक कार्य के लिए नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा दे देना चाहिए. सांसद जोशी ने कहा कि इस प्रकार फोन टैपिंग कर गैर कानूनी तरिके से सरकार एवं वहां के मुखिया ने अपराध किया है. इस सम्पूर्ण मामले की सीबीआई से निष्पक्ष जांच करवायी जाए, साथ ही इस प्रकार के मामले में झूठ बोलने एवं कपट पूर्ण तरिके से कार्य कर नियमों की अनदेखी कर मुख्यमंत्री के इशारों पर कार्य करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने की मांग की.

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