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परशुराम पेनोरमा में जमी सियासी 'धूल'..किसकी लापरवाही? - Parshuram Panorama News

चित्तौड़गढ़ के मातृकुंडिया में 2 साल से भगवान परशुराम का पेनोरमा बनकर तैयार है. करोड़ों की लागत से बने इस पेनोरमा में रखी मूर्तियों पर धूल जम रही है. वहीं भाजपा का कहना है, कि कांग्रेस सरकार जानबूझकर इस काम में अड़ंगा लगा रही है. पढ़िए ये स्पेशल स्टोरी...

परशुराम पेनोरमा न्यूज  , Chittorgarh News
सियासी 'पेनोरमा'

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Published : Feb 23, 2020, 7:56 PM IST

Updated : Feb 23, 2020, 9:03 PM IST

कपासन (चित्तौड़गढ़).जिले के मातृकुंडिया में भगवान परशुराम के जीवन चरित्र को दर्शाने के लिए पेनोरमा का निर्माण करवाया गया है. यह निर्माण पर्यटन और धार्मिक रचना को बढावा देने के लिए बनाया गया है. पेनोरमा 2 साल से बनकर तैयार है, लेकिन परिसर में स्थापित भगवान परशुराम की मूर्ति ढकी हुई है. कोई चौकीदार भी नहीं है. साथ ही साफ-सफाई का भी कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है.

सियासी 'पेनोरमा'

परिसर के अंदर की तो यह हाल है कि इन सभी मूर्तियों से कवर तक नहीं हटाया गया है. करोड़ों की लागत से बने इस पेनोरमा में रखी मूर्तियों पर धूल जम रही है. आंगन भी धूल से सना हुआ है. अब चूहे भी इन मूर्तियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

2018 में हुआ था शिलान्यास

बता दें कि अप्रैल 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मातृकुंडिया में भगवान परशुराम पेनोरमा का शिलान्यास किया था. भगवान परशुराम के जीवन चरित्र को दर्शाने के लिए करोड़ों की लागत से इस पेनोरमा को बनाया गया है. भगवान परशुराम से संबंधित चित्र और पेंटिंग्स को भी यहां लगाया गया है. 2 साल से पेनोरमा बनकर तैयार है, लेकिन सत्ता बदली तो अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी आंखे फेर लीं.

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पेनोरमा बनाने की यह थी योजना

मातृकुंडिया

प्रदेश के चित्तौड़गढ़ जिले में मातृकुंडिया स्थित है. यह वही जगह है जहां भगवान परशुराम अपनी मां के हत्या के पाप से मुक्त हुए थे. यहां पर उन्होंने भगवान शिव की तपस्या की थी और फिर शिवजी के कहे अनुसार मातृकुंडिया के जल में स्नान करने से उनका पाप धुल गया था. इस जगह को मेवाड़ का हरिद्वार भी कहा जाता है. मान्यता है कि, यहां बने कुंड में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. लिहाजा बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. इसी बात को ध्यान में रखकर परशुराम पेनोरमा का निर्माण करने की योजना बनी.

धूल फांक रहा है पेनोरमा

धूल फांकता हुआ पेनोरमा

आलम यह है कि योजना के बाद पेनोरमा का निर्माण भी हुआ, लेकिन सत्ता बदलने के बाद इस परिसर की अनदेखी की जा रही है. परिसर की साफ-सफाई का भी कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है और आज ये पेनोरमा धूल फांकता हुआ दिखाई दे रहा है.

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स्थानीय लोगों का कहना है, कि यदि पेनोरमा नियमित रूप से खोला जाता है तो पर्यटको की संख्या में इजाफा होगा. लोगों की आवाजाही बढ़ेगी, जिससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा. उनका कहना है, कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण अभी और इंतजार करना पड़ सकता है.

कांग्रेस सरकार अड़ंगा लगा रही हैः भाजपा

भाजपा के प्रदेश मंत्री अशोक चंडालिया का कहना है, कि कांग्रेस सरकार जानबूझकर इस काम में अड़ंगा लगा रही है. उनका कहना है, कि आमजन की भावनाओं के साथ गहलोत सरकार कुठाराघात कर रही है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि पेनोरमा के बचे हुए कार्य को पूरा कर जल्द इसका उद्घाटन किया जाए.

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बरती जा रही है लापरवाही

मूर्तियों से कवर तक नहीं हटाया गया

जानकारी के अनुसार संबंधित उपखंड अधिकारी को इस पेनोरमा के देख-रेख की जिम्मेदारी दी गई है. लेकिन करोड़ों की लागत से बने पेनोरमा की सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरती जा रही है. यह लापरवाही कभी भी भारी पड़ सकती है, लेकिन जिम्मेदार आंखें मूंद कर बैठी है और पेनोरमा धूल फांक रहा है.

Last Updated : Feb 23, 2020, 9:03 PM IST

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