चित्तौड़गढ़.पंचायत समिति की ओर से दुकानों का किराया 20 प्रतिशत बढ़ाने से व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है. ऐसे में कुछ व्यवसायी दुकानें खाली करने लगे हैं, तो कुछ तैयारी में हैं. जिन दुकानों का पांच-सात वर्ष पूर्व किराया 2 से 5 हजार तक होता था, वह अब बढ़कर 25 से 30 हजार रुपया महीना हो गया है.
वहीं, लॉकडाउन के वजह से व्यापारियों का व्यापार ठप हो गया है. अब पंचायत समिति द्वारा 20 प्रतिशत किराया बढ़ाने का नोटिस सभी दुकानदारों को जारी किया गया है. जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ पंचायत समिति कार्यालय जिला मुख्यालय पर स्थित है. इस कार्यालय के बाहर 32 दुकाने हैं, जो पंचायत समिति से होकर भीलवाड़ा मार्ग पर है. ऐसे में यह शहर का व्यस्ततम बाजार है.
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चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर पंचायत समिति के बाहर व्यवसायिक दुकानें बनाई गई है. कई दुकानें ऐसी है, जिनके किरायों को लेकर कोर्ट में केस चल रहा है. यहां लाखों के डिपॉजिट और 2 हजार किराए से दुकान की शुरुआत हुई और आज 30 से 40 हजार रुपए तक दुकानदार किराया भर रहे हैं.
पंचायत समिति ने बढ़ाया किराया बता दें कि सर्विस टैक्स सहित एक व्यापारी ने लगभग 42 हजार से ज्यादा किराया भरा है. इस लॉकडाउन के चलते सभी वर्गों का व्यापार ठप हो गया है, लेकिन दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन देना पड़ा है. इसके बावजूद भी पंचायत समिति ने उनका किराया भी माफ नहीं किया.
साथ ही किसी प्रकार की कोई रियायत नहीं दी गई है. इसके लिए व्यवसायियों ने अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक के चक्कर लगाए हैं. वर्तमान में किराया इन पर भारी पड़ रहा है. इतना किराया तो बड़े-बड़े शहर में भी नहीं होता है. गत दिनों किराया वृद्धि का नोटिस मिलने के बाद व्यापारियों में खलबली मच गई.
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वहीं, जो इतना किराया भरने में सक्षम नहीं है, उन्होंने दुकानें खाली करना ही उचित समझा है. व्यापारियों का कहना है कि कई वर्षों से वे दुकानों में अपना व्यवसाय कर परिवार का लालन-पालन कर रहे हैं. अब जब लॉकडाउन में जेब से जमा पूंजी जमा करानी पड़ रही है. कोरोना महामारी के चलते सभी व्यापार बंद हैं. इतना भारी भरकम किराया देने के बाद भी 20 प्रतिशत किराया कोरोना महामारी के दौरान बढ़ाना कहां तक उचित है.