चित्तौड़गढ़.महाराणा प्रताप कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की स्थानीय इकाई कृषि विज्ञान केंद्र की तरफ से होड़ा में जैविक कृषि मेला और कृषि प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. सुख वाड़ा सरपंच शोभा लाल धाकड़ की अध्यक्षता में आयोजित इस मेले में किसानों के साथ-साथ महिला किसानों ने भी अपनी सहभागिता निभाई.
सरपंच धाकड़ ने किसानों से समय-समय पर कृषि वैज्ञानिकों से चर्चा कर नवीनतम पद्धति से खेती करने का आह्वान किया. विषय विशेषज्ञों ने समन्वित कृषि प्रणाली आधारित कृषि जैसे डेयरी पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन, वर्मी कंपोस्ट अजोला सब्जी उत्पादन उन्नत पौधे लगाने के जरिए किसानों से अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए प्रेरित किया.
इसके साथ ही बे-मौसमी सब्जियों की खेती, मुर्गी पालन, वर्मी कंपोस्ट मिट्टी और पानी की जांच, बूंद-बूंद सिंचाई के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई. शुरूआत में मृदा वैज्ञानिक डॉ. रतन लाल सोलंकी ने अतिथियों और किसानों का स्वागत किया. इसके साथ ही केंद्र की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी.
किसानों को उन्हें जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने यहां सर्टिफिकेशन योजना के उद्देश्य और लाभ से भी अवगत कराया साथ ही खाद वर्मी वास तैयार करने की प्रायोगिक जानकारी भी दी. उज्जैन वैज्ञानिक डॉ. राजेश जलवानिया ने सब्जी और फल उत्पादन की उन्नत तकनीकी और बगीचे लगाने वाले हाउस में सब्जी फसलों के उत्पादन के बारे में उन्नत तकनीक के बारे में बताया.
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वहीं परियोजना निदेशक कृषि विनोद कुमार जैन ने विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी के साथ अनुदान के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी. उपनिदेशक कृषि अनुसंधान केंद्र ओपी शर्मा ने किसानों को जैविक खेती ट्राइकोडरमा के बारे में विस्तार से बताया. जैविक मेला में कच्ची प्रदर्शनी भी आयोजित की गई जिसमें प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान पर आने वाले किसानों को पुरस्कृत किया गया.