चित्तौडगढ़. काला सोना कह जाने वाली अफीम के दूध निकालने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब 7 अप्रैल से नारकोटिक्स विभाग की ओर से अफीम तोल का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है. यह करीब 1 महीने तक चलेगा और लगभग 15000 किसानों की अफीम की तुलाई होगी.
कोरोनो संक्रमण को देखते हुए विभाग ने अफीम तोल को लेकर तैयारियां पूरी कर ली है. कोरोना संक्रमण के चलते भीड़ भाड़ नहीं हो और सोशल डिस्टेंसिंग के मध्यनजर विभाग ने अपने स्तर पर गाइडलाइन जारी की है. वहीं, किसान प्रतिनिधियों के लिए भी सोशल डिस्टेंसिंग की व्यवस्था की गई है.
चित्तौडगढ़ जिले में 15 हजार 368 किसानों की अफीम का तोल किया जाएगा. प्रथम खण्ड में वल्लभनगर सहित चित्तौडग़ढ़, उदयपुर और भदेसर क्षेत्र के 5140 किसानों का अफीम तोल होगा, वहीं द्वितीय खण्ड में राशमी, डूंगला, कपासन, मावली और भूपालसागर के 4600 किसानों की अफीम तोली जाएगी जबकि तृतीय खण्ड के तहत निम्बाहेड़ा और बड़ीसादड़ी के 5628 किसानों की अफीम तोलने का काम निंबाहेड़ा में होगा.