राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

चित्तौड़गढ़: मृत महिला के नाम जारी करवाया अफीम लाइसेंस, मुकदमा दर्ज - मृत महिला के नाम जारी अफीम लाइसेंस

नारकोटिक्स विभाग में अनियमितताओं के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है. ऐसे में ताजा मामला चित्तौड़गढ़ में सामने आया है. जहां जावदा गांव निवासी नानीबाई ने अपनी मृत माता के नाम पर फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर पट्टा हासिल करने की शिकायत थाने में दर्ज करवाई है.

Opium license issued on dead woman, मृत महिला के नाम जारी अफीम लाइसेंस
मृत महिला के नाम जारी अफीम लाइसेंस

By

Published : Sep 12, 2020, 12:54 PM IST

चित्तौड़गढ़.नारकोटिक्स महकमें में सहीराम घूसकांड के बाद भी अनियमितताओं के मामले बंद नहीं हो रहे हैं. अब पुनः यह महकमा अनियमितता को लेकर चर्चाओं में आ गया है. चित्तौड़गढ़ के अफीम अधिकारी लंबरदार सहित अन्य लोगों पर एक महिला की शिकायत पर सदर थाने में मामला दर्ज किया गया है. फिलहाल निम्बाहेड़ा सदर थाना पुलिस ने धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

जानकारी के अनुसार एक मृत महिला के नाम पर अफीम का पट्टा जारी करने और उसके आवेदन को आधार मान अन्य पंचायत में अफीम बुवाई कर फर्जी तरीके से मादक पदार्थ की बुवाई और लाइसेंस लेने के इस मामले में जहां पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. वहीं दूसरी ओर मामला सामने आने के बाद नारकोटिक्स विभाग में और भी गड़बड़ियां सामने आने की संभावना है.

मृत महिला के नाम जारी अफीम लाइसेंस

पढ़ेंःझुंझुनू: गहलोत सरकार के विरोध में BJP ने लगातार तीसरे दिन सौंपा ज्ञापन

चित्तौड़गढ़ जिले के निंबाहेड़ा तहसील में आने वाले जावदा गांव निवासी नानीबाई ने अपनी मृत माता भानीबाई के नाम पर फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर पट्टा हासिल करने की शिकायत थाने में दी है. इस पर पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए अनुसंधान शुरू कर दिया है.

यह है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार जावदा निवासी नानीबाई ने अपनी शिकायत में बताया कि उसके पिता आसाराम धाकड़ के नाम पर ग्राम पंचायत उखलिया में वर्ष 1998-99 में अफीम बुवाई का एक पट्टा जारी किया था. इस पर बाद में बुवाई नहीं की गई, लेकिन वर्ष 2018-19 की अफीम नीति के आधार पर यह पट्टा पुनः जारी हुआ. इसे गलत तथ्य प्रस्तुत करते हुए पट्टा जारी कर अन्य पंचायत में स्थानांतरित कर दिया गया,

इसकी जानकारी मिलने पर उसे विभागीय अधिकारियों द्वारा भी गलत सूचना उपलब्ध करवाई गई. इस मामले में पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है. पीड़िता ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि उसकी माता की 17 मई 2019 को मृत्यु हो गई थी, जबकि 1 अक्टूबर 2019 को पट्टा जारी करते हुए स्थानांतरण ग्राम पंचायत बडावली के राजस्व ग्राम कोचवा में कर दिया और अफीम फसल की बुवाई भी कर दी गई.

जिम्मेदारों ने किया गलत सत्यापन

रिपोर्ट में पीड़िता ने उल्लेख किया है कि पट्टे के बारे में जानकारी मिलने पर सत्यापन के लिए सूचना के अधिकार के अंतर्गत जिला अफीम अधिकारी तृतीय खंड केपी चौधरी के समक्ष आवेदन किया था. लेकिन वहां से भी उसे गलत सूचना प्रदान की गई. वहीं इस मामले में कमलादेवी और शांतिलाल ने इस मामले में गलत तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत पट्टे पर अफीम की बुवाई की है.

राजस्व ग्राम उंखलिया और कोचवा अफीम मुखिया ने गलत व्यक्ति के नाम पर जारी पट्टे का सत्यापन और स्थानांतरण में सहयोग किया है. वहीं तत्कालीन अधिकारियों ने भी सत्यापन की जिम्मेदारी होने के बावजूद मिली भगत करते हुए इस षड्यंत्र में भागीदारी की है.

कई सफेदपोश शामिल बड़ी एजेंसी से हो जांच

इस पूरे मामले में जहां विभाग के अधिकारियों और लंबरदार लोगों के विरुद्ध शिकायत की गई है. वहीं सूत्रों का कहना है कि इस पूरे षडयंत्र में कई सफेदपोश लोग भी शामिल हो सकते हैं. इस षड्यंत्र में ऐसे लोग शामिल हैं, जिनका राजनीतिक प्रभाव होने के साथ-साथ नारकोटिक्स विभाग में भी अच्छा खासा रसूख है.

पढ़ेंःCS का कार्यकाल 6 माह बढ़ाने के लिए CM गहलोत ने केंद्र सरकार को लिखा पत्र

यह भी प्रबल संभावना है कि यह प्रकरण महज एक बानगी हो. ऐसे और भी कई प्रकरण हो सकते हैं, जो शिकायत के अभाव में सामने नहीं आए हैं. इन हालातों में किसी उच्च स्तरीय जांच एजेंसी से जांच होने पर स्पष्ट हो पाएगा कि काले सोने की बुवाई के नाम पर विभाग में और कितने काले कारनामे किए जा रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details