बालिका ओपन शेल्टर होम क्यों हुआ बंद... चित्तौड़गढ़.जिले में संरक्षित बालिकाओं के लिए संचालित एकमात्र ओपन शेल्टर होम शुक्रवार को बंद हो (Open shelter home closed in Chittorgarh) गया. संचालक संस्था आसरा विकास संस्थान के संचालक ने इस मामले में अपने हाथ खड़े कर दिए. संस्था के प्रस्ताव पर सरकार ने भी मुहर लगाते हुए ओपन शेल्टर होम बंद करने के आदेश जारी कर दिए. उसी के क्रम में आज शेल्टर होम बंद कर दिया गया और यहां निवासरत संरक्षित बालिकाओं को उदयपुर भेज दिया गया.
अब आगे से बालिकाओं को उदयपुर राजकीय सेंटर होम भेजना होगा. सामाजिक संस्था कार्यकारिणी की बैठक में 31 दिसंबर से ओपन शेल्टर होम बंद करने का निर्णय किया गया था. इस निर्णय से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को भी अवगत करा दिया गया था. शेल्टर होम बंद हो जाने से चित्तौड़गढ़ से अब अनाथ बालिकाओं, देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाली बालिकाओं एवं पॉक्सो पीड़ित बालिकाओं को आवासित करने में पुलिस बाल कल्याण समिति को परेशानियों से गुजरना पड़ेगा.
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बालिकाओं को अवस्थित करने में उसे संभागीय मुख्यालय उदयपुर स्थित राजकीय बालिका गृह में भेजना होगा. क्योंकि आसरा संस्थान द्वारा ओपन शेल्टर होम बंद करने के साथ ही जिले में ना तो कोई बालिका गृह है और ना बालिकाओं के लिए ओपन शेल्टर होम है. इस कारण से इस जिले की बालिकाओं को अन्यत्र भिजवाना पड़ेगा. बाल कल्याण समिति के सदस्य और पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट रमेश चंद्र दशोरा के अनुसार इस प्रकार की जटिल परेशानियों से निजात पाने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को राज्य सरकार से यथाशीघ्र बालिका गृह खुलवाने के संबंध में उचित कार्रवाई करना चाहिए़. ताकि पीड़ित बालिकाओं को अन्यत्र नहीं भेजना पड़े.
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आवास के लिए समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करवाने के लिए यथाशीघ्र बालिका गृह की स्थापना के प्रयास किया जाना चाहिए. उन्होंने पूर्व में इस संबंध में महिला आयोग की अध्यक्ष तथा बाल संरक्षण समिति को भी पत्र भेज और व्यक्तिगत भी मुलाकात कर इस समस्या से अवगत कराया था. जिला प्रशासन को इस दिशा में पहल कर राजकीय संरक्षण गृह खुलवाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए. आपको बता दें कि संस्थान द्वारा संचालित आसरा विकास ओपन शेल्टर होम में 9 बालिकाएं आवासरत थीं, जिन्हें आज उदयपुर भेज दिया गया.