चित्तौड़गढ़. अल्पमत में होते हुए भी भाजपा बड़ीसादड़ी में पासा पलटने में कामयाब रही और इसके प्रत्याशी विनोद कंठालिया नगर पालिका बोर्ड की कुर्सी पर पहुंच गए. कांग्रेस अपने पार्षदों को कंट्रोल में नहीं रख पाई. पार्टी के 5 पार्षद वोट देने ही नहीं आए. नतीजतन भाजपा एक निर्दलीय के सहारे बोर्ड पर कब्जा करने में कामयाब हो गई.
दरअसल, भाजपा की पूरी चुनावी रणनीति पूर्व मंत्री श्री चंद कृपलानी के हाथ थी. पार्टी पिछले कुछ दिनों से अपनी इसी रणनीति को कामयाब बनाने में जुटी थी. चुनाव के लिहाज से पार्टी द्वारा बतौर पर्यवेक्षक उप जिला प्रमुख भूपेंद्र सिंह बडोली को भेजा गया था. इन चुनाव परिणामों ने पूर्व विधायक प्रकाश चौधरी का राजनीतिक धरातल खिसका कर रख दिया है. चौधरी नगर पालिका चेयरमैन के उप चुनाव की घोषणा के बाद से ही अपने बेटे राजा चौधरी के साथ फिर से बोर्ड बनाने की रणनीति बनाने में जुटे थे, लेकिन वे कामयाब नहीं हो पाए.
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वर्ष 2021 में चेयरमैन निर्मल पिपलिया अपने साले लव के जरिए चेक से भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के 200000 रूपए की रिश्वत के मामले में फंस गए थे. हालांकि उस समय पिपलिया एसीबी के हाथ नहीं आए, लेकिन लंबे समय बाद उन्होंने सरेंडर कर दिया. इस बीच राज्य सरकार ने पितलिया को निलंबित करते हुए बाद में बर्खास्त कर दिया और चेयरमैन का पद रिक्त घोषित कर दिया गया. निर्वाचन विभाग द्वारा चेयरमैन पद की चुनाव प्रक्रिया शुरू कराई गई और आज मतदान कराया गया. पर्यवेक्षक उदयपुर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम ओपी बुनकर की देखरेख में नगर पालिका प्रांगण में मतदान प्रक्रिया शुरू हुई.
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कुल 25 में से पिपलिया का वार्ड रिक्त मानते हुए 24 पार्षदों द्वारा मतदान किया जाना था. जिनमें से बीजेपी को अपने 10 सदस्यों के साथ एक निर्दलीय का साथ मिल गया. वही कांग्रेस के 5 सदस्य मतदान करने नहीं आए. कांग्रेस के 8 सदस्यों ने ही वोट किया. अतिरिक्त जिला कलेक्टर बुनकर द्वारा मतदान के बाद चुनावी नतीजे घोषित कर दिए गए जिनमें भाजपा के उम्मीदवार कंठालिया को 3 मतों के अंतर से विजेता घोषित किया गया. जबकि कांग्रेस उम्मीदवार रानू राका को मात्र 8 वोट मिले. गौरतलब है कि नगर पालिका चुनाव में भाजपा के 11 और कांग्रेस 14 वार्ड जीतने में सफल रही थी.